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Updated on: 4 March, 2021 2:56 PM IST
Dr Ak Singh

आम का नाम लेते ही मुंह में पानी सा आ जाता है.  पीला और नारंगी रंग का पका हुआ आम सब के मन को लुभाता है.  सर्दी का मौसम गया और गर्मी की शुरुआत हुई तो बाजार में आम के ढेर नजर आने लगते हैं.  

आम है ही ऐसा फल की खाने को मन हो आता है.  गर्मियों में आम खाने का शौकीन हर कोई होता है. शायद ही कोई हो जिसे आम खाना पसंद न हो. वहीं डायबिटीज मरीज को आम खाने से पहले कई बार सोचना पड़ता है. आम खाने से पहले डायबिटीज मरीज के मन में यह सवाल जरूर आता है कि आम खाने से कहीं उनका शुगर लेवल  तो नहीं बढ़ जाएगा. इसी बीच आज हम आपको बताने जा रहे हैं डायबिटीज मरीज आम खा सकते हैं,  मगर आम खाने से पहले उन्हें इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए. यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड है.

आपको बता दें कि आम खट्टा मीठा फल होने के साथ यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड है. आम में नेचुरल शुगर के साथ विटामिन ए, सी, ई फाइबर, फोलेट और कॉपर पाया जाता है. जिस कारण डायबिटीज के मरीज इसका सेवन कर सकते हैं.

आम एंटीऑक्सिडेंट तनाव प्रतिक्रिया को कम करने में मदद करता है डायबिटीज के मरीज को लो जीआई वाले खाद्य पदार्थों को खाने के लिए कहा जाता है. वहीं आम का जीआई 51 है, जो डायबिटीजों के लिए सही है. आम में 90% कैलोरी और नेचुरल शुगर होती है. साथ ही आम एंटीऑक्सिडेंट तनाव प्रतिक्रिया को कम करने में मदद करता है. अगर शुगर लेवल लो है तो 1 आम खाएं. पूरे दिन में एक से ज्यादा आम न खाएं. साथ ही रेशेदार आम खाने से परहेज करें क्योंकि इसे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है.

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में संकरण का उद्देश्य नियमित फलन के साथ-साथ अच्छे गुण वाली आभा से युक्त अच्छी भण्डारण क्षमता और फल प्रसंस्करण के लिये उपयुक्त किस्म को विकसित करना है.  अब तक इस संस्थान में संकरण के फलस्वरूप कई किस्में विकसित की गयीं, परन्तु मल्लिका तथा आम्रपाली अच्छे गुणों के कारण काफी लोकप्रिय हैं.

फलों का राजा आम अपनी मिठास के कारण पूरी दुनिया में भारत के नाम का डंका बजा रहा है. इसका सीधा लाभ हमारे देश के आम उत्पादक किसानों और व्यापारियों को हुआ है. यूरोपीय और अमेरिकी समाज के लोग अपेक्षाकृत कम मिठास के फल खाना ज्यादा पसंद करते हैं.

यही कारण है कि उनकी पसंद को ध्यान में रखते हुए पूसा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा), नई दिल्ली के वैज्ञानिकों ने दो ऐसे विशेष आम विकसित किए हैं जो अन्य आम फलों की तुलना में कम मीठे हैं, लेकिन अपने स्वाद और स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण इनकी खूब मांग रह सकती है. कम मीठा होने के कारण शुगर पीड़ित लोग भी इसे खा सकते हैं.

डॉ ए के सिंह, निदेशक,  भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने एक बातचीत में कृषि जागरण को बताया की भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित आम की संकर प्रजाति पूसा सुंदरी और पूसा दीपशिखा ने बताया कि ‘पूसा दीपशिखा (हाईब्रिड 11-2)’ आम्रपाली और सेंसशन के संकरण से प्राप्त संकर किस्म है. इसके पेड़ नियमित फल देने वाले और अर्ध-बौने आकार के होते हैं.

इस प्रजाति के पेड़ों से प्राप्त फल अधिकांशतया सामान आकार के, लंबे आकार के,  आकर्षक, चमकदार, लाल छिलके और नारंगी-पीले गूदे वाले होते हैं, जो अमेरिकी-यूरोपीय समुदाय में बहुत पसंद किए जाते हैं.

इनके पेड़ों को मध्यम सघन बागवानी 6X6 मीटर पर लगाना ज्यादा लाभदायक है. प्रति हेक्टेयर के आधार पर लगभग दस साल पुराना पेड़ 50.33 किलोग्राम फल देता है. इस किस्म की प्रति हेक्टयर अनुमानित उपज 14.3 टन है.

पूसा दीपशिखा (हाइब्रिड 11-2) के फल मध्यम मिठास (18.67 डिग्री ब्रिक्स) वाले, 70 फीसदी गूदे वाले, एस्कोर्बिक एसिड (35.34 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम गूदा) और बीटा कैरोटीन (9.48 मिलीग्राम) पाया गया है.

इन फलों की भंडारण आयु कमरे के सामान्य तापमान पर भी 7-8 दिनों की होती है. इससे व्यापारियों को बिना फल खराब हुए इसे बेचने के लिए लंबा समय मिलता है, जो व्यापारिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होता है.

English Summary: Patients with diabetes (sugar sufferers) developed by ICAR can also eat
Published on: 04 March 2021, 03:00 PM IST

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