यू तो टाइगर रिजर्व के जंगलों में तमाम औषधीय पौधे काफी मात्रा में पाए जाते है. लेकिन इस बार उतत्र प्रदेश के पीलीभीत में टाइगर रिजर्व में पौधारोपण अभियान के तहत वन क्षेत्रों में 40 हजार सहजन के पौधों का रोपण करने का निर्णय लिया गया है.
अधिकारियों ने इस पौधरोपण अभियान के लिए बराही रेंज स्थित बफर जोन के इलाके को चिन्हित कर लिया है. सहजन का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है जिसमें सभी विटामिनों की पर्याप्त मात्रा भी मौजूद होनी चाहिए.
सहजन के पौधरोपण का कार्य तेज (Drumstick plantation work intensified)
अधिकारियों के मुताबिक बराही रेंज के अंतर्गत बीर खेड़ा गांव में सहजन के कुल 40 हजार पौधों को रोपित किया जाएगा. कुछ दिनों से वन्यजीवों की सुरक्षा और मानव जीवन संघर्ष की स्थिति की आशंका को देखते हुए सबसे पहले इस क्षेत्र को अतिक्रमण से मुक्त करवाया गया है. इन वन क्षेत्रों में अन्य प्रजाति के पौधों को भी लगाने का काम किया जाएगा. टाइगर रिजर्व के माला रेंज में और महफोज रेंज की नर्सियों में सहजन के पौधे तैयार करवाए गए है.
साथ ही इन नरर्सियों में शीशम, जामु, अर्जुन, और बांस के पौधों को भी तैयार कर लिया गया है. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक बरसात के पहले खोदाई का कार्य कारया जाएगा जिससे बरसात के दिनों पौधरोपण में दिक्कत की स्थिति नहीं बन सकें. इसके अलावा माला रेंज में भी पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा. इसके अलावा अमरूद और पाकड़ समेत जामुन के कई तरह के फलदार पौधे लगाने का कार्य किया जाएगा.
पौधों हेतु भूमि का चयन (Land selection for plants)
यहां पर बहारी रेंज के बफर जोन में सहजन के पौधों को लगाने के लिए रेत से युक्त भूमि का चयन किया है. वही पर शीशम, पाकड़ और जामुन, अमरूद के पौधे लगाने के लिए माला और महोफ रेंज की भूमि का चयन किया गया है.
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कुछ ही दिनों में पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा जिसके लिए सामाजिक वानिकी का भी सहयोग लिया जा रहा है. सहजन के फल से लेकर उसके पत्ते और छाल के अंदर भी औषधीय गुण पाए जाते है. यहां के टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्रों सहजन के पौधे रोपित किए जाएंगे.