यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ ने घोषणा की है कि अब श्मशान घाट में उपयोग किये जाने वाले ईधन में अब 50 प्रतिशत गाय के गोबर से बने उपलों का प्रयोग किया जायेगा. सीएम योगी आवारा पशुओं और दूध संग्रह के लिए बुलाई गयी बैठक में यह आदेश जारी किए हैं. मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारीयों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश के सभी जिलों में बने हुए श्मशान घाटों में अभी तक केवल लकड़ी के प्रयोग से ही दाह संस्कार किये जाते रहे हैं. लेकिन अब इनमें प्रयोग होने वाले ईधन में 50 प्रतिशत मात्रा गाय के गोबर से बने हुए उपलों की होगी. योगी ने आदेश जारी करते हुए यह भी कहा कि श्मशान घाटों में प्रयोग होने वाले उपलों से होने वाली आय से गौ संरक्षण केंद्रों के उत्थान का काम किया जायेगा.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आदेश जारी करते हुए कहा कि इन सभी गौ संरक्षण केंद्रों पर केयरटेकर की नियुक्ति की जाएगी. जिसकी जिम्मेदारी मवेशियों की बीमारी और उसकी मृत्यु तक की होगी. इस केयरटेकर का काम केंद्र से बाहर का भी होगा जिसमें पशुओं की खाद्य सामग्री की व्यवस्था से लेकर उसके सभी गौ वंशियों को बाहर घूमने ले जाने तक का होगा.
आदेश के अनुसार सभी 17 नगरपालिकाओं के सभी जिलों में पशुओं को पकड़ने वाले वाहनों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जायेगा. जिसके बाद पशुओं को आसानी से उनके रक्षा केंद्रों तक पहुंचाया जा सकता है.
मुख्यमंत्री ने अधिकारीयों से साफतौर पर आदेश दिया है कि उनकी सरकार पशुओं के संरक्षण और कल्याण के लिए तत्पर सरकार है. यदि कोई भी अधिकारी आदेश की अवहेलना करता है या उसे पूरा करने में देरी करता है तो उस अधिकारी के खिलाफ तुरंत कार्यवाही के आदेश जारी किये जायेगें.
अभी तक सरकार द्वारा आवारा या निराश्रित पशुओं के चारे और उनके संरक्षण की उचित व्यवस्था की जा रही है. वर्तमान में प्रदेश में 6719 निराश्रित पशु संरक्षण केन्द्रों में 11.33 लाख से अधिक पशुओं का संरक्षण किया गया है. साथ ही 20 जनवरी से 31 मार्च पशुओं के संरक्षण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार एक विशेष अभियान चला रही थी. जिसके तहत कुल 1.20 लाख पशुओं का संरक्षण किया गया है.
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पशुओं के संरक्षण के लिए चलाये जा रहे विशेष अभियान को संभल, मथुरा, मिर्जापुर, शाहजहाँपुर, संतकबीर नगर, अमरोहा, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और फर्रुखाबाद जिलों में प्रमुखता से चलाया गया है. योगी आदित्यनाथ ने आदेश जारी किया कि निराश्रित पशुओं के चारे/भूसे के लिए डीबीटी के माध्यम से सीधे तौर पर धनराशि जारी की जाएगी.