आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) ने औषधीय पौधों की आपूर्ति श्रृंखला तथा मूल्य श्रृंखला के लिए हितधारकों के बीच संपर्क बनाने की आवश्यकता जताई है. दरअसल एनएमपीबी सहायता संघ (NMPB Support Association) अब गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री, अनुसंधान और विकास, खेती, औषधीय पौधों के व्यापार / बाजार से संबंधित कार्य करने आदि पर बातचीत / विचार-विमर्श (तक सीमित नहीं) करेगा.
'बीज से गोदाम' दृष्टिकोण की शुरुआत
इसके लिए किसानों और निर्माताओं के बीच अच्छे संबंध स्थापित करने के लिए 'बीज से गोदाम' दृष्टिकोण की शुरुआत की जा रही है, जिसके तहत गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री (क्यूपीएम), बेहतर कृषि पद्धतियों (जीएपी'एस), फ़सल कटाई के बाद की उन्नत कार्यप्रणालियों (जीपीएचपी'एस) से संबंधित पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
'बीज से गोदाम' दृष्टिकोण की शुरुआत
इसके लिए किसानों और निर्माताओं के बीच अच्छे संबंध स्थापित करने के लिए 'बीज से गोदाम' दृष्टिकोण की शुरुआत की जा रही है, जिसके तहत गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री (क्यूपीएम), बेहतर कृषि पद्धतियों (जीएपी'एस), फ़सल कटाई के बाद की उन्नत कार्यप्रणालियों (जीपीएचपी'एस) से संबंधित पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
औषधीय पौधों की प्रस्तावित प्रजातियां (Proposed Species of Medicinal Plants)
एनएमपीबी (NMPB) सहायता संघ के पहले चरण में औषधीय पौधों की प्रस्तावित प्रजातियां इस प्रकार से हैं- अश्वगंधा (विथानिया सोम्निफेरा), पिप्पली (पाइपर लौंगम), आंवला (फिलांथस एंब्लिका), गुग्गुलु (कमिफोरा वाइटी) और शतावरी (एसपैरागस रेसमोसस).
कौन उठा सकता है लाभ?
पात्र संगठन, किसान / एफपीओ / एफपीसी / क्यूपीएम केंद्र / बीज बैंक / नर्सरी / एसएचजी / एनजीओ / व्यापारी / निर्माता / निर्यातक / फार्मास्युटिकल / अनुसंधान संस्थान / कृषि विश्वविद्यालय स्वयं को पंजीकृत कर इसमें शामिल हो सकते हैं.
कैसे मिलेगा लाभ?
एनएमपीबी सहायता संघ के लिए पंजीकरण करने का लिंक एनएमपीबी की वेबसाइट https://www.nmpb.nic.in/ पर उपलब्ध है. यहाँ पर आप पंजीकृत कर इसका लाभ उठा सकते हैं.