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Updated on: 16 November, 2022 11:45 AM IST
योगी सरकार ने गन्ना उत्पादन को लेकर नई नीतियां बनाई हैं. राज्य सरकार के आदेश के अनुसार चीनी मिलों को नई नीतियां स्पष्ट रूप से मानने के निर्देश दिए हैं. (प्रतीकात्मक फोटो-सोशल मीडिया)

उत्तर प्रदेश में नई शीरा नीति के तहत चीनी मिलों को 20 प्रतिशत शीरा रिजर्व करना ही होगा. इसके लिए योगी सरकार ने राज्य में स्थित सभी चीनी मिलों को निर्देश जारी कर दिए हैं. चीनी मिलों पर एक्सपोर्ट को लेकर भी कई पाबंदियां राज्य सरकार ने लागू की हैं.

चीनी उत्पादन को लेकर देश विश्व में पहले पायदान पर खड़ा है. उत्तर प्रदेश में गन्ना काफी बड़े रकबे में बोया जाता है. राज्य सरकार भी गन्ना उत्पादन और इससे संबंधित नीतियां गंभीरता से लागू कर रही है. उत्तर प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र शुरू हो चुका है. इसी को लेकर योगी सरकार ने गन्ना उत्पादन को लेकर नई नीतियां बनाई हैं. राज्य सरकार के आदेश के अनुसार चीनी मिलों को नई नीतियां स्पष्ट रूप से मानने के निर्देश दिए हैं.

नई शीरा नीति 2022-23

रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने नई शीरा नीति 2022-23 जारी कर दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी चीनी मिलों को गंभीरता से पालन करने के निर्देश दिए हैं.

सरकार ने स्पष्ट किया है कि एथेनॉल और शीरे का यदि दुरुपयोग किया गया तो कानूनी कार्रवाई तय है. नई शीरा नीति के तहत प्रदेश की चीनी मिलों को कुल शीरा उत्पादन का  20 प्रतिशत रिजर्व करने के निर्देश दिए गए हैं. गन्ना सीरप और जूस का उपयोग कर एथेनॉल उत्पादन की प्रक्रिया में पारदर्शिता भी चीनी मिलों को रखनी होगी.

शीरे के एक्सपोर्ट पर भी विशेष प्रतिबंध

राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश के शीरे की देश-दुनिया में मांग रहती है. मिलें अपना लाभ देखते हुए पूरा स्टॉक एक्सपोर्ट कर देती हैं. इससे राज्य में शीरे की कमी हो जाती है. इसको देखते हुए सरकार ने शीरा एक्सपोर्ट पर विशेष प्रतिबंध लगाएं हैं.

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देश के वार्षिक गन्ना उत्पादन सूची में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र अव्वल हैं. दोनों राज्य देश का कुल 60 प्रतिशत गन्ना उत्पादन करते हैं. चीनी उत्पादन में यूपी आगे है.

उत्तर प्रदेश में 158 चीनी मिलें 

उत्तर प्रदेश की 158 चीनी मिलों में पेराई सत्र चल रहा है. इनमें 104 चीनी मिलें प्राइवेट सेक्टर की हैं. 28 मिल यूपी सहकारी चीनी मिल संघ, यूपी राज्य चीनी मिल निगम और राज्य सरकार चलाती है. एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 1 नवंबर से शुरू हो गया है, यह 31 अक्टूबर 2023 तक चलेगा.

अधिकारियों का कहना है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश को लेकर नई शराब नीति पर विशेष फोकस है. गोरखपुर, देवीपाटन, आजमगढ़, वाराणसी, बस्ती और विंध्यांचल के संभागों से देश को लगभग 25 प्रतिशत डिस्टलरी सप्लाई होती है.

English Summary: Nayi Sheera Niti 2021-22 Now sugar mills will have to keep 20 percent stock, ban imposed on exports
Published on: 16 November 2022, 12:13 PM IST

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