हर किसान की कोशिश रहती है कि वह अत्याधिक मात्रा में फसलों का उत्पादन कर उससे अच्छा मुनाफा कमाएं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सरसों का उत्पादन करने वाले किसान आजकल बहुत दुखी हैं. वो भी तब, जब वे सरसों की अत्याधिक मात्रा में उत्पादन कर उससे अच्छा खासा मुनाफा भी कमा रहे हैं.
इसके बावजूद भी वे दुखी हैं, वो इसलिए, क्योकि उनके जेहन में कुछ बातों को लेकर खौफ का आलम है. आखिर क्या है किसानों का वो खौफ, जानने के लिए पढ़िए हमारी यह खास रिपोर्ट..
किसानों को नहीं मिलेगा मुनाफा (Farmers will not get profit)
किसानों के जेहन अनवरत इस बात को लेकर खौफ पल्लवित होता जा रहा है कि अगर यह सिलसिला यूं ही जारी रहा, तो फिर उन्हें सरसों का वो मुनाफा नहीं मिल पाएगा, जो वर्तमान में उन्हें मिल रहा है. सरसों की फसल उगाने वाले किसान भाई अर्थशास्त्र के उस नियम को लेकर खौफजदा हो रहे हैं, जिसमें यह बताया जाता है कि अगर किसी भी वस्तु का पूर्ति में इजाफा होता है, तो आगे चलकर उससे प्राप्त होने वाली आय में कम हो जाती है, इसलिए हमारे किसान भाई खौफ में हैं.
जरा डालिए कृषि मंत्रालय के इस आंकड़े पर नजर
अगर आपको हमारे द्वारा लिखी गई इस बात पर एतबार नहीं हो रहा, तो जरा कृषि मंत्रालय के इस आंकड़ें पर गौर फरमाने की जहमत करिए. यह आंकड़ें इस बात की तस्दीक करते हुए नजर आ रहे हैं कि सरसों की बंपर पैदावार हुई है और हमारे किसान भाई आनंद में हैं, लेकिन अर्थशास्त्र के इस नियम की वजह से चिंतित नजर आ रहे हैं.
देखिए ये आंकड़ें (See these figures)
यहां हम आपको बताते चले कि कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2020-21 में सरसों की पैदावार 104.3 लाख टन हुई है. विगत वर्ष सरसों का उत्पादन 91.6 लाख टन था. इससे पहले कभी सरसों की इतनी भारी पैदावार नहीं हुई थी. बताया जा रहा है कि लगातार प्रचलन में आ रही है कि आधुनिक तकनीक की वजह से सरसों की फसलों में अत्याधिक पैदावार मुमकिन हो पा रही है.
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क्या कहते हैं कृषि विशेषज्ञ (What do agricultural experts say?)
वहीं, इस संदर्भ में कृषि विशेषज्ञ कहते हैं कि वर्तमान में सरसों की आवक कम है, जिसकी वजह से किसान भाइयों को उनकी फसलों का अच्छा मुनाफा मिल पा रहा है, लेकिन अगर आगे भविष्य में कभी सरसों की आवक बढ़ी तो फिर किसान भाइयों को उनकी फसलों की वो कीमत नहीं मिल पाएगी, जो आज मिल पा रही है.
मान लीजिए कृषि विशेषज्ञों की राय (Suppose the opinion of agricultural experts)
किसानों भाइयों के मन में जिस तरह का खौफ लगातार अपने चरम पर पहुंचता जा रहा है, उसे ध्यान में रखते हुए कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर किसान चाहते हैं कि आगे भविष्य में भी उन्हें उनकी फसलों का वाजिब दाम मिलता रहे, तो कुछ समय के लिए सरसों का उत्पादन रोक दे.