केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित कृषि भवन कार्यालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की क्षेत्रीय समिति-8 की 27वीं बैठक में भाग लिया.
बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला सहित अधिकारीगण उपस्थित रहे. बैठक को संबोधित करते हुए कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने उन्नत तकनीकों का उपयोग करते हुए भारतीय कृषि को टिकाऊ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद देशभर में स्थित अपने 102 संस्थानों तथा 75 कृषि विश्वविद्यालयों के साथ कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन व पशु विज्ञान के क्षेत्र में समन्वय, मार्गदर्शन तथा अनुसंधान व शिक्षा का प्रबंधन करने वाली एक शीर्ष संस्था है.
परिषद द्वारा देश में किसानों की आय एवं स्थिति व देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए संभावित कार्यनीतियों या समाधान की पहचान करके कार्य किया जा रहा है. उसके बाद कैलाश चौधरी ने कृषि भवन में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार और सिस्को, निन्जाकार्ट, जियो एग्रोप्लेटफोर्म, आईटीसी व एनईएमएल आदि निजी कम्पनियों के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. उन्होंने कहा कि यह समझौता निश्चित रूप से कृषि क्षेत्र में सामूहिक सहभागिता से सकारात्मक बदलाव लाएगा.
कृषि क्षेत्र का कायाकल्प करने के लिए मोदी सरकार ने उठाए ठोस कदम :
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रारंभ से ही कृषि और गांवों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है. इस दिशा में देश में 1 लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष की स्थापना और 10 हजार कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) का निर्माण जैसे कई ठोस कदम उठाए गए हैं.
साथ ही कोरोना महामारी के दौरान किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये के कर्ज बांटे गए और इसके परिणाम स्वरूप पहले की तुलना में ज्यादा उत्पादन और आमदनी हुई. कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि यह एमओयू दोनों कृषि क्षेत्र में निजी सहयोग को मजबूती देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा.
समझौता ज्ञापन में कहा गया है कि प्रक्रियाओं और योजना तैयार करने व अपने उद्देश्यों को हासिल करने के लिए सहयोग कार्यक्रम सुझाने के लिए मिलकर काम किया जाएगा. इससे कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने और किसानों को आमदनी बढ़ाने के लक्ष्य को हासिल करने में निश्चित रूप से मदद मिलेगी.