केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के मुख्य आतिथ्य में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय पूसा कृषि विज्ञान मेले (Three day Pusa Agricultural Science Fair) का शनिवार को समापन हुआ.
इस अवसर पर कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मेला परिसर में लगी हुई 'पूसा एग्री कृषि हाट परिसर' ('Pusa Agri Krishi Haat Complex') का अवलोकन किया तथा मेले में देश के विभिन्न भागों से पधारे हजारों प्रगतिशील किसान, महिला उद्यमी और स्टार्ट-अप्स (start-ups) से मिलकर उनसे संवाद किया.
समारोह में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने पूसा संस्थान (Pusa Institute) द्वारा किसान हितों के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए किसानों से नई तकनीकों, वैज्ञानिक नवाचारों का अधिकाधिक लाभ उठाने का आह्वान किया. उन्होंने भारत सरकार द्वारा किसान हितों के लिए किए जा रहे कार्यों और कृषि से संबंधित योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार किसानों को बीज से बाजार तक की सुविधाएं उपलब्ध करा रही है, जिसकी कल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है. किसानों की मेहनत और वैज्ञानिकों के अनुसंधान की बदौलत भारतीय कृषि उन्नत हो रही है. केंद्र सरकार की कृषि हितैषी योजनाओं की बदौलत युवाओं में कृषि के प्रति उत्साह जागृत हो रहा है, जिससे उन्हें रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
मोदी सरकार ने कृषि बजट बढ़ाकर किया लगभग 5 गुना
केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) ने कृषि मंत्रालय के बजट को लगातार बढ़ाया है, जो अब 1.32 लाख करोड़ रुपये है जबकि लगभग 9 साल पहले यूपीए सरकार के समय लगभग 23 हजार करोड़ रुपए था.
वर्तमान बजट में से आधी से ज्यादा राशि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के रूप में सीधे किसानों के बैंक खातों में दी जा रही है, इससे सरकार ने किसानों के प्रति अपनी संवेदनशीलता जाहिर की है. वहीं स्वामीनाथन समिति की सभी सिफारिशों को मोदी की सरकार ने लागू किया है.
कृषि से जुड़ी सुविधाएं बढ़ा रही है केंद्र सरकार
कैलाश चौधरी ने कहा कि सरकार ने न केवल एमएसपी (MSP) को ज्यादा फसलों पर दर बढ़ाकर लागू किया बल्कि खरीद भी बढ़ाई है. देश में 10 हजार नए एफपीओ बनाने की प्रक्रिया के साथ ही एक लाख करोड़ रु. के कृषि इंफ्रा फंड से गांव-गांव सुविधाएं जुटाई जा रही है.
कृषि से सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए भी विशेष पैकेज दिए गए हैं. मोटे अनाज को बढ़ावा देने के केंद्र सरकार के प्रयास दर्शाते हैं कि सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाकर देश को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी हुई है. उन्होंने किसानों से सरकार के साथ मिलजुल कर, योजनाओं का लाभ उठाते हुए आगे बढ़ने का आह्वान किया.