रबी की फसल की बुआई के साथ ही किसानों के लिए उर्वरक की पूर्ती करना एक बड़ा संकट होता है दरअसल उर्वरकों के बढ़ते दामों के चलते किसानों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लेकिन दशहरा पर भारत सरकार की तरफ से किसानों को तोहफे में बढ़ते उर्वरक दामों पर सरकार ने रोक लगा दी है. किसानों को रबी की सीजन में उर्वरक के दाम पहले की तरह 1350 रुपये प्रति बोरी की दर से मिलेगी.
भारत सरकार ने इसके लिए 22303 करोड़ रुपये की सब्सिडी की घोषणा भी कर दी है. इस जानकारी को भारत के केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट मीटिंग की जानकारी देते हुए मीडिया को बताया.
22303 करोड़ रुपये की सब्सिडी
भारत सरकार ने रबी के सीजन में यह किसानों को राहत देने के उद्देश्य से 22303 करोड़ रुपये की सब्सिडी उर्वरक दामों को नियंत्रित करने के लिए लागू की है. सरकार की इस घोषणा के बाद किसानों को इस सीजन में उर्वरक की एक बोरी पिछले दामों के अनुसार ही 1350 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से मिलेगी. आपको जानकारी के लिए बता दें कि उर्वरक के दामों में वृद्धि को लेकर सरकार ने साफ़ मना किया हुआ है.
वर्तमान दरें
सभी सीजन में उर्वरक को लेकर कुछ न कुछ उतार चढ़ाव देखने को मिलता रहता है. लेकिन लेकिन रबी के सीजन में सरकार ने उर्वरक के दामों में स्थिरता को बनाये रखने के लिए बड़े बजट के साथ किसानों को तोहफा दिया हुआ है. प्रेस वार्ता में कैबिनेट मिनिस्टर अनुराग ठाकुर ने बताया कि आने वाली रबी फसल के सीजन में सब्सिडी का आधार यह होगा-
- नाइट्रोजन: 47.2 रुपये प्रति किलो
- फास्फोरस: 20.42 रुपये प्रति किलो
- पोटाश: 2.38 रुपये प्रति किलो
- सल्फर: 1.89 रुपये प्रति किलो
सरकार ने इस नियम के अनुसार ही किसानों की उर्वरक सब्सिडी के चलते 22303 करोड़ रुपये की सब्सिडी को लागू किया है.
यह रेट होगा प्रति बोरी
किसान उर्वरक की खरीद प्रक़ति बोरी के अनुसार करते हैं. जिसके आधार पर ही उन्हें उसका भुगतान करना होता है. कैबिनेट मंत्री के अनुसार किसानों को अब अमोनियम फास्फेट (डीएपी) पुरानी डर के अनुसाव ही किसानों को दी जाएगी. जिसका रेट 1350 रुपये प्रति बोरी होगा.
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इसके साथ ही नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटेशियम (एनपीके) 1470 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से किसानों को वितरित की जाएगी. सरकार के अनुसार यह कदम किसानों को एक बड़ी राहत देने के उद्देश्य से लागू किया गया है.