प्याज के किसानों (Onion farmers) के लिए एक बड़ी खुशखबरी है कि उनकी मदद के लिए केंद्र सरकार (Central Government) सामने आ गई है. दरअसल, इस बार प्याज का उत्पादन काफी अच्छे स्तर पर हुआ है, लेकिन उसके घटते भाव ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. ऐसे में केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए घरेलू बाजार में नैफेड (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India) को सरकारी खरीद के लिए उतार दिया है.
आपको बता दें कि नैफेड (Nafed) एक सहकारी एजेंसी है. इसकी मदद से चालू सीजन में 1 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक बनाने का फैसला लिया गया है. यह अब तक का सबसे अधिक स्टॉक माना जा रहा है. इससे पहले नैफेड के पास 25 हजार टन प्याज का स्टॉक हो चुका है. एजेंसी फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन, सरकारी संस्थाओं समेत मंडियों में स्थापित खरीद केंद्रों से प्याज की सरकारी खरीद कर रही है. पिछले साल भी नैफेड ने रबी सीजन में लगभग 57 हजार टन प्याज की खरीद की थी.
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माना जा रहा है कि इस बार प्याज की सरकारी खरीद का लक्ष्य दोगुना कर दिया गया है. इस तरह किसानों को सीधा लाभ मिल पागा. इसके साथ ही उपभोक्ताओं को गैर-फसल मौसम में प्याज की पर्याप्त आपूर्ति की जा जा सकती है. बता दें कि मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र, के एफपीओ (FPO), सहकारी संस्थाओं और खरीद केंद्रों से लगभग 25 हजार टन प्याज की खरीद हो गई है.
फिलाहल, देश की मंडियों में प्याज का भाव 10-14 रुपए प्रति किलो चल रहा है, तो वहीं शहरी क्षेत्रों में इसका भाव 20-30 रुपए प्रति किलो तक है. अगर प्याज के उत्पादन की बात की जाए, तो पिछले साल की 2.28 करोड़ टन प्याज प्राप्त हुआ था, जो कि इस साल 2019-20 में बढ़कर 2.67 करोड़ टन हो गया है. इससे प्याज किसान काफी खुश थे, लेकिन घरेलू बाजार में प्याज के भाव घटने लगे, जिससे किसानों के सामने कई मुश्किलें खड़ी हो गईं. इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा एजेंसी को बफर स्टॉक की खरीद के लिए मंडियों में उतार दिया गया है. बता दें कि प्याज के स्टॉक को सुरक्षित रखने के लिए कई आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है.