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Updated on: 23 September, 2020 12:31 PM IST
Rabi Crops

देश के कुछ राज्यों के किसान इन दिनों लगातार नए कृषि कानून को लेकर हंगामा कर रहे हैं. इसी बीच मोदी सरकार (Modi Government) ने लगभग 11 करोड़ किसानों को एक खास संदेश भेजा है. बताया जा रहा है कि किसानों को भेजा गया यह संदेश न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से जुड़ा हुआ है. इस संदेश में रबी सीजन 2020-21 के लिए घोषित एमएसपी (MSP) का पूरा ब्योरा दिया गया है. इस संदेश में बताया गया है कि पहले किस उपज का कितना दाम था और अब कितना हो गया है. कृषि मंत्रालय की मानें, तो सरकार का यह संदेश किसानों को सीधे उनके मोबाइल पर SMS किया गया है. माना जा रहा है कि शायद आम किसान इससे थोड़ा नरम पड़ जाए. जानकारी के लिए बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम (PM kisan samman nidhi scheme) के तहत लगभग 11 करोड़ किसान रजिस्टर्ड हो चुके हैं, इसलिए सरकार किसानों तक कोई भी संदेश बहुत आसानी से पहुंचा सकती है.

दरअसल, इस दिनों कुछ विपक्षी दल और किसान संगठन का कहना है कि नए कृषि कानून की वजह से किसानों को एमएसपी (MSP) नहीं मिल पाएगा. इस कारण हरियाणा, पंजाब समेत देश के कई राज्यों के किसान सड़कों पर उतर आए हैं. इसके चलते ही अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान भी का है. बता दें कि ये सारी लड़ाई एमएसपी को लेकर हो रही है.

केंद्रीय कृषि मंत्री का संदेश

  • किसानों को भेजे गए SMS में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया है कि सरकार ने रबी 2020-21 के लिए MSP घोषित कर दिया है.

  • गेहूं का समर्थन मूल्य 50 रुपए बढ़ाकर 1975 प्रति क्विंटल कर दिया गया है.

  • जौ का समर्थन मूल्य 75 रुपए बढ़ाकर 1600 प्रति क्विंटल हो गया है.

  • चने का समर्थन मूल्य 225 रुपए बढ़ाकर 5100 प्रति क्विंटल कर दिया गया है.

  • इसके साथ ही मसूर का समर्थन मूल्य 300 रुपए बढ़ाकर 5100 प्रति क्विंटल किया गया है.

  • सरसों का 225 रुपए बढ़ाकर 4650 और कुसुम्भ (Safflower) में 112 की वृद्धि के साथ 5327 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है.

सरकार ने 2021-22 में किस फसल की कितनी बताई लागत

केंद्र सरकार का कहना है कि अगर किसान प्रति क्विंटल गेहूं पैदा करता है, तो इसमें 960 रुपए की लागत आती है, तो वहीं जौ में 971, चना में 2866, मसूर में 2864, सरसों में 2415 और कुसुम्भ में 3551 रुपए की लागत आती है. इन आकड़ों को देखते हुए सबसे अधिक 106 प्रतिशत की वृद्धि गेहूं के दाम में की गई है. इस लागत में किराया, मानव श्रम, और फार्म भवनों का मूल्यह्रास, बैल श्रम/मशीन श्रम, पट्टा भूमि के लिए दिया गया किराया, बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई व्यय, उपकरणों, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सैटों आदि को चलाने के लिए डीजल/बिजली एवं पारिवारिक श्रम का मूल्य जैसे सभी भुगतान शामिल हैं.

English Summary: Modi government amidst agriculture bill protests A special message has been sent to 1 crore farmers
Published on: 23 September 2020, 12:35 PM IST

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