सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु हुनर से रोजगार कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन राज्यपाल/कुलाधिपति, आनंदीबेन पटेल ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस अवसर पर डॉ. संजीव कुमार बालियान राज्य मंत्री, पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन, भारत सरकार एवं सूर्य प्रताप शाही मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उ. प्र., विशिष्ट अतिथि रहे. प्रो. संगीता शुक्ला, कुलपति चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ एवं कृषि विश्वविद्यालय कुलपति, डॉ. के. के. सिंह भी मौजूद रहे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल / कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज दिवस के रूप मनाया जा रहा है. इस दिशा में काफी महिलाओं ने श्री अन्न से बने उत्पाद को बनाने-खिलाने और बेचने का काम भी प्रारम्भ कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह कार्य शुरू होने से श्री अन्न अनाज को एक नई दिशा मिलेगी और हम मोटे अनाज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकते हैं उन्होंने गुजरात में बनाये गये सखी मण्डल की सराहना करते हुए कहा कि उनका कार्य संगठित होकर अच्छा चल रहा है, उसी प्रकार से उत्तर प्रदेश में स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं. जब महिलाएं कमाने लगती हैं तो उनका सम्मान बढ़ता है. पहले लोग घरों से बाहर महिलाओं को जाने से रोकते थे लेकिन अब महिलाएं अपनी बेटियों के साथ मिलकर अच्छा कार्य कर रही हैं और अपनी आय भी बढ़ा रही हैं. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पहले लोग अपनी बेटियों को नहीं पढ़ाते थे वो सोचते थे कि शादी के बाद बेटी ससुराल चली जायेगी इसलिए लड़कों की पढ़ाई पर अधिक ध्यान देते थे और लड़कियों को पढ़ने हेतु सरकारी स्कूल में भेजा जाता था और लड़कों को पढ़ाई हेतु प्राइवेट स्कूलों में भेजा जाता था लेकिन अब लोगों की सोच बदली है बेटियां भी पढ़-लिख रही हैं.
लोगों ने अब सोच लिया है कि यदि बेटी पढ़ेगी तो उनके घर की बहू भी पढ़ी-लिखी होगी और वह भी नौकरी करके परिवार की आय बढ़ा सकेगी. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में उन्होंने देखा है कि 80 प्रतिशत छात्राएं मेडल जीत ले जाती हैं और केवल 20 प्रतिशत छात्रों को मेडल प्राप्त हो पाते हैं. यदि छात्राओं पर और ध्यान दिया जाता तो शायद विश्वविद्यालयों में छात्राओं की स्थिति और बेहतर होती. इस भेदभाव को कम करने की आवश्यकता है. उन्होने कहा कि आज हमारी बेटियां अपनी ताकत दिखा रही हैं. हमारी बेटियां घर से बाहर निकल रही हैं और अच्छा कार्य कर रही हैं.
महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि, भारत सरकार द्वारा चलायी जा रही जन-धन योजना, रसोई गैस योजना, मुद्रा योजना, गांव में शौचालय की योजना (इज्जत घर) आदि के लागू होने से महिलाओं को सम्मान मिला है जिससे उनको अपना रोजगार शुरू करने में सहायता मिल रही है. यदि महिलाएं आत्मनिर्भर नहीं होंगी तो उनका बुरा हाल हो जाता है लेकिन अब महिलाओं ने आगे बढ़कर कार्य करने शुरू किए हैं और विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है.
महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संबोधन में कहा कि जो महिलाएं पढ़ी-लिखी नहीं है या फिर उनकी शिक्षा बीच में छूट गयी है और उनमें कोई अच्छा हुनर है तो ऐसी महिलाओं के लिए विश्वविद्यालय 3-6 माह के लिए सर्टिफिकेट कोर्स प्रारम्भ करें जिससे हुनर के क्षेत्र में उन महिलाओं को और अधिक सम्मान मिल सके. इस बात को ध्यान में रखकर महिलाओं के लिए कोर्स बनाये जायें और उनका सर्टिफिकेट कोर्स प्रारम्भ किया जाय.
विशिष्ट अतिथि सूर्य प्रताप शाही, मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उत्तर प्रदेश ने मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज वर्तमान सरकार के नेतृत्व में महिलाओं के बारे में कई योजनाएं लागू की गयी हैं जिसका सीधा लाभ महिलाओं को मिल रहा है. कृषि के क्षेत्र में कई महिलाओं ने स्टार्टअप प्रारम्भ किये हैं जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि मोदी-योगी की सरकार ने सामाजिक उत्थान और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है इसलिए आज महिलाएं निर्भीक होकर कार्य कर रही हैं. सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि हुनर हाट जैसे कार्यक्रमों से महिला सशक्तिकरण होता है.
विशिष्ट अतिथि डॉ. संजीव बालियान, राज्य मंत्री, पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन, भारत सरकार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण, महिला स्वरोजगार एवं स्वास्थ्य के प्रति भारत सरकार ने अच्छा कार्य किया है. उन्होंने कहा कि आज महिलाएं कई उत्पाद तैयार कर रही हैं लेकिन उनको मार्केटिंग में समस्या आ रही है. इसके लिए कृषि विज्ञान केन्द्र व स्थानीय प्रशासन महिलाओं द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट की मार्केटिंग की व्यवस्था करें. जिससे उनको लाभ हो सके. डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सिद्धि मिल्क कोऑपरेटिव अच्छा कार्य कर रही है. अब हरित प्रदेश कोऑपरेटिव बनाने की आवश्यकता है जिससे प्रदेश प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सके.
कुलपति, डॉ. के. के. सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे देश में महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक उत्थान व सशक्तिकरण के लिए उनकी अनभिज्ञता, उदासीनता और अंधविश्वास के अंधियारे को हटाकर एक चेतना फैलाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने कारोबर में सफल होंगी फलस्वरूप उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह अपने भीतर छुपी हुई प्रतिभा को पहचान कर नये रोजगार को प्रारम्भ करने का निर्णय ले सकेंगी.
कुलपति ने कहा कि हर रोज खेतों में करोड़ों की संख्या में महिलाएं कृषि के कार्य में लगी रहती हैं. गांव में रहने वाले परिवारों में से 85 प्रतिशत लोगों की आजीविका का स्त्रोत कृषि है और उनमें महिलाओं का योगदान 65-70 प्रतिशत तक है. विश्वविद्यालय का प्रयास है कि इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन से घर के कार्य को करते हुए महिलाएं अपने उद्योग को स्थापित कर सकें.
इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 4 पुस्तकों (शीतोष्ण फल, डॉ. अरविन्द राणा, मोटे अनाज, डॉ. के. के. सिंह, कलेण्डर, कृषि विज्ञान केन्द्र, शाहजहांपुर एवं मोटे अनाज उत्पादन तकनीक, डॉ. आर. के. नरेश) का विमोचन किया .
इस अवसर पर प्रो. संगीता शुक्ला, कुलपति, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ, कैप्टन विकास गुप्ता, अध्यक्ष, उपकार, प्रबंध परिषद के सदस्य मनोहर सिंह तोमर, निखील त्यागी, सुमन त्यागी, क्षेत्रीय विधायक अतुल प्रधान मौजूद रहे. महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम में 32 स्टाल लगाये गये थे जिसमें महिलाओं ने अपने लघु उद्योग के द्वारा उत्पादित उत्पाद प्रदर्शित किया. प्रदेश की राज्यपाल ने इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया तथा विभिन्न स्टालों का भ्रमण कर महिलाओं का उत्साहवर्धन किया.
जैविक नियंत्रण प्रयोगशाला का किया लोकार्पण
कृषि विश्वविद्यालय में जैव नियंत्रण प्रयोगशाला का लोकार्पण राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के कर कमलों द्वारा किया गया. यह प्रयोगशला लगभग 40 करोड़ से बनकर तैयार हुई इसमें 10 प्रयोगशालाएं, 4 क्लारूम 1 कॉन्फ्रेन्स रूम, 1 ट्रेनिंग हॉल का निर्माण किया गया है. इसके लोकार्पण कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. के. के. सिंह भी मौजूद रहे.
ड्रोन ने भरी उड़ान
कृषि विश्वविद्यालय में आज पहली बार 3 ड्रोन किसानों के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये थे जिनका राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने फीता काटकर उद्घाटन किया. इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, मेरठ ने 22 तरह के मिलेटस उत्पादों का प्रदर्शन किया जिसे महामहिम ने सराहा. गोल्डन मिलेट्स, नई दिल्ली, मिलेट्स फॉर हेल्थ नोएडा ने अपने उत्पाद को प्रदर्शित किया. इस दौरान हुनर हाट को सफल बनाने के लिए प्रसार निदेशालय के डॉ. सतेंद्र कुमार, संयुक्त निदेशक प्रसार, डॉ. मुकेश कुमार, प्राध्यापक, डॉ. एस. के. लोधी, डॉ. पी. के. सिंह, डॉ. के. जी. यादव, डॉ. एस. के. त्रिपाठी, सह प्राध्यापक एवं डॉ. हरिओम कटियार, सह प्राध्यापक द्वारा प्रशिक्षण में अपना सहयोग प्रदान किया गया.
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हुनर से हाट कार्यक्रम में महिलाओं में बढ़ा उत्साह
निदेशक प्रसार, डॉ. पी. के. सिंह ने बताया कि हुनर हाट में लगभग 18 जनपदों के लगभग 1060 से अधिक महिलाओं ने प्रतिभाग किया. भाग लेने आयी महिलाओं ने बताया उन्हें प्रसन्नता हुई एवं उनका उत्साहवर्धन हुआ है. लगभग 32 स्टालों में कृष्णा यादव ने अचार-मुरब्बा, आशा देवी ने जलकुम्भी से बनाये गये उत्पाद, पूजा गंगवार ने देशी गाय के गोबर से बने हस्तशिल्प, सुमन सैनी ने गन्ने की नर्सरी, विमला शर्मा ने LED बल्ब, Music बल्ब, etc, गार्गी चौहान ने दोना, जूट बैग, ज्वैलरी आदि का प्रदर्शन किया.