आज से पहले आपने चाँद पर रॉकेट को जाते देखा होगा या फिर किसी मनुष्य को खोज या विशेष मकशद के लिए चाँद पर जाते देखा होगा. इतना ही नहीं, एक मशहूर लेखक युवाल नोहा ने अपनी पुस्तक सेपियंस में लिखा था कि आज से 400 लाख साल पहले लोगों को अंदाजा भी नहीं होगा कि वो चाँद पर अपने कदम रख सकेंगे, एटम का विखंडन कर सकेंगे और जेनेटिक कोड को डिकोड कर सकेंगे.
ठीक वैसे ही आज से पहले लोगों ने ये कभी नहीं सोचा होगा की चाँद पर रॉकेट के अलावा भी ट्रैक्टर भी जा सकेगा.जी हाँ, अब चांद पर ट्रैक्टर भी पहुंच चुका है. आज हम आपको महिंद्रा की एक ऐसी कामयाबी के बारे में बताएंगे, जिसे सुनकर आप भी दंग हो जाएंगे. दअसल, इस ट्रैक्टर को पिनइंफरीना ने बनाया है, जो महिंद्रा के मालिकाना हक वाली कंपनी है. बता दें कि पिनइंफरीना बेहद आधुनिक ट्रैक्टर्स बनाने के अलावा शानदार कारें भी बनाती है. इसकी बतिस्ता नामक कार बहुत जल्द बाजार में आने वाली है. चांद पर जाने वाले ट्रैक्टर का नाम स्ट्रैडल है और ये एक कॉन्सेप्ट ट्रैक्टर है, जिसे वाइनयार्ड के लिए तैयार किया गया है.
शानदार केबिन के साथ आधुनिक तकनीक
स्ट्रैडल कॉन्सेप्ट ट्रैक्टर का डिजाइन देखने लायक है. ये दिखने में बहुत शानदार है और केबिन की बात करें, इस देखकर लोग खीचें चले आ रहे हैं. इसके केबिन को काचं के गोल हिस्से से घेरा गया है, जो किसी स्पोर्ट्कार से प्रेरित नजर आ रहा है. केबिन काफी साधारण है, लेकिन बहुत आधुनिक रूप में तैयार किया गया है. इसका स्टीयरिंग सिंगल फ्रेम पर लगाया गया है और सीट बहुत आरामदायक दिख रही है. सामने लगी कांच की खिड़की से सामने का सारा नजारा दिखाई देता है.
क्या है इसकी तकनीकी विशेषताएं !
इस पर सवार होने के लिए मैटल की कई प्लेट्स लगाई गई हैं. फिलहाल, ये ट्रैक्टर कॉन्सेप्ट के पड़ाव पर है. अभी अगर लुक की बात करें, तो इसका कोई जवाब नहीं है. इसकी तकनीकी जानकारियां सामने नहीं लाई गई हैं. इसको लेकर अनुमान लगाया जा रहा है कि एक्सपेरिमेंट अब तक जारी है. हालांकि न्यू हॉलेंड ने ये पुष्टि कर दी है कि नया ट्रैक्टर इलेक्ट्रिक पावर से चलेगा. इसके काफी दमदार होने का अनुमान लगाया जा रहा है. बता दें कि पिनइंफरीना ने ये ट्रैक्टर न्यू हॉलेंड ब्रांड के लिए बनाया है.
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अब अनुमान ये लगाया जा रहा है कि अगर चांद पर ट्रैक्टर पहुँच गया, तो क्या चाँद पर खेती करना संभव हो सकता है.
जिस गति से विज्ञान अपना पैर फैलाता नजर आ रहा है, उसे देख कुछ भी असंभव कहना गलत होगा. आज से पहले हमने कभी ये सोचा भी नहीं था कि चाँद पर ट्रैक्टर पहुंच पाएगा. मगर महिंद्रा एंड ग्रुप ने ये लगभग कर दिखाया है. अब आने वाले समय में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या चाँद पर सच में खेती करना संभव है.