Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 12 April, 2022 11:26 AM IST
क्यों किसान खेत में लगा रहे आग?

हर साल गर्मी के मौसम में आग लगने की वजह से किसानों के करोड़ों बीघा फसल जलकर खाक हो जाती है. ऐसी खबरें तो आप आए दिन पढ़ते होंगे, लेकिन हम आपको यहां जो खबर बताने जा रहे हैं वो आपको चौंका सकती हैं. जी हां खबर ये है कि किसान खुद अपनी खेतों में आग लगाने का काम कर रहे हैं.

बड़े पैमाने पर किसान खेतों में लगा रहे आग(Farmers are setting fire to the fields on a large scale)

खबर मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के शाहपुर क्षेत्र की है. जहां किसान खुद के खेतों में आग लगाने का काम कर रहे है. यहां के किसान केले और गेहूं की कटाई के बाद खेतों में खड़ी नरवाई(गेंहू का अवशेष) और ठूंठ(केले का बचा हुआ धड़) को जलाने के लिए खेतों में आग लगा रहे हैं. बता दें कि फसलों की कटाई के बाद खेतों में अवशेष जलाने पर प्रतिबंध है, लेकिन बावजूद इसके राज्य के शाहपुर क्षेत्र में बड़ी संख्या में किसान खेतों में अवशेष जलाते नजर आ रहे हैं.

खेतों में आग लगाने से नुकसान(Damage caused by setting fire to fields)

बता दें कि जिले में बड़े पैमाने पर केले और गेंहू की खेती होती है. ऐसे में इन दोनों फसलों के कटने के बाद इसके अवशेष खेतों में ही पड़े रहते हैं. किसानों की मानें, तो इन्हीं अवशेषों को नष्ट करने के लिए वो अपने खेतों में आग लगा रहे हैं.

जागरूकता की कमी या मनमर्जी! (Lack of awareness or willfulness!)

हालांकि, इसे जागरूकता की कमी कहें या बस अपने मतलब की बात, लेकिन इस आग से ना सिर्फ आसपास के खेतों को नुकसान पहुंच रहा है. बल्कि इसका असर उनके खेतों की मिट्टी पर भी पड़ रहा है. ऐसा भी कहा जा रहा है कि किसानों को इन नरवाई को आधुनिक तकनीक से निकालने के लिए कृषि विभाग की तरफ से कोई खास जागरूकता पहल नहीं की गई है. यही वजह है कि किसान अपने ही खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

ये भी पढ़ें:आखिर कर्ज लेकर की गई खेती को अपने हाथ क्यों बर्बाद कर रहे हैं किसान?

खेतों के अवशेष से बनता है बेहतरीन खाद (The best manure is made from the residue of the fields)

जानकारी के मुताबिक, केलों की कटाई के बाद निकलने वाले ठूंठ से उच्च क्वालिटी का खाद बनता है. ये किसानों के फसलों के लिए काफी अच्छा माना जाता है.

आग मिट्टी को करती है बर्बाद (Fire destroys the soil)

किसी भी फसल की कटाई के बाद बचने वाली अवशेष को आग लगाने से मिट्टी को नुकसान होता है. मिट्टी में आग लगने के बाद कुछ पोषण तत्व जैसे न्यूट्रान, जीवित जीवाणु जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं. इसका खामियाजा किसानों को फसलों के उत्पादन कम या खराब होने के तौर पर भुगतना पड़ता है. ऐसे में जरूरत है केंद्र से लेकर राज्य सरकारों को इसके लिए किसानों को जागरूक करने की.

English Summary: Madhya Pradesh: Why are farmers setting fire to their own fields?
Published on: 12 April 2022, 11:31 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now