कृषि क्षेत्र में नवाचार और आधुनिक खेती के लिए जरुरी होता है कि किसानों को समय–समय पर इनसे अवगत करवाया जाए. इसके साथ ही किसानों को प्रशिक्षण एवं उनके विषय में जानकारी दी जाए. इस तरह किसान खेती की नई तकनीक से जुड़ पाते हैं. इसके लिए केंद्र व राज्य सरकारों के द्वारा कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रदर्शनी, प्रशिक्षण व कृषि मेला का आयोजन किया जाता है.
इसी कड़ी में हर साल भारत के कर्नाटक राज्य के धारवाड़ ज़िले में कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (यूएएस) द्वारा किसानों के लिए कृषि मेला (Krishi Mela) का आयोजन किया जाता है. मगर इस साल कृषि मेला (यूएएस) (Krishi Mela (UAS) रद्द हो सकता है. बता दें कि पिछले साल भी कृषि मेले को स्थगित कर दिया गया था. इसका मुख्य कारण कोरोना महामारी (Corona Pandemic) थी.
जानकारी के लिए बता दें कि कृषि मेला (यूएएस) (Krishi Mela (UAS) में दुनियाभर से लाखों किसान और विशेषज्ञ आते हैं. इस दौरान किसानों को खेती की नई तकनीक की जानकारी दी जाती है, साथ ही उन्हें अपनी आय बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाता है.
कृषि मेला (यूएएस) के संबंध में किसानों का कहना है कि कृषि मेला किसानों को कई तरह से मदद करता है, क्योंकि कृषि से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ अपने विचार साझा करते हैं और प्रतिस्पर्धी कीमतों पर बिक्री के लिए बीज और उपकरण उपलब्ध होते हैं.
एक अन्य किसान ने कहा कि इस कृषि मेले से व्यापारियों, बैंकरों और विभिन्न अन्य क्षेत्रों में मदद मिलती है. इसके अलावा कृषि स्टार्टअप के लिए भी हितकारी है.
कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (यूएएस) के कुलपति एम बी चेट्टी का कहना है कि सब कुछ सरकार पर निर्भर करता है. कोरोना महामारी ने सभी क्षेत्रों में कई विकास कार्यों को रोक दिया है. यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता, तो मेला अब 34वें संस्करण में होता.
हालांकि, अगर सरकार से कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कोई निर्देश मिलता है, तो विश्वविद्यालय को तैयार किया जाएगा.