कृषि जागरण के 25 साल पूरे होने पर 5 सितंबर को भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. साथ ही इस कार्यक्रम में सिल्वर जुबली वेबिनार सीरीज का भी आयोजन होगा. जिसका विषय है ग्रोथ ऑफ इंडियन एग्रीकल्चर इन द प्रोस्पेक्टस फॉर कमिंग 25 इयर्स . इसका सीधा प्रसारण कृषि जागरण के फेसबुक पेज पर किया जाएगा.
सीएम योगी आज घोषित कर सकते हैं गन्ना मूल्य
उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन और 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर जनपद में होने जा रही संयुक्त किसान मोर्चे की किसान महापंचायत को देखते हुए योगी सरकार, गन्ने का रेट घोषित कर सकती है. फिलहाल मुख्य सचिव ने गन्ना अधिकारियों, मिल प्रतिनिधियों और प्रगतिशील किसानों से वार्ता करके अपनी रिपोर्ट सरकार को भेजी है.
अब किसानों को मिलेगी बीज और कृषि सामानों की होम डिलीवरी
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेज़न इंडिया ने किसान स्टोर लॉन्च किया है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान स्टोर का शुभारंभ किया. जिससे देश के किसानों को उनके दरवाजे पर डिलीवरी की सुविधा के साथ, किफ़ायती कीमतों पर बीज, कृषि टूल, प्लांट प्रोटेक्शन और न्यूट्रिशन जैसे सामान उपलब्ध हो सकते हैं. अमेजन का कहना है कि इस स्टोर से किसानों को सहूलियत होगी.
राहतभरी खबर: इस महीने से सस्ते हो जाएंगे खाद्य तेल
देश में खुदरा खाद्य तेल की कीमतें नई फसल आने और वैश्विक कीमतों में गिरावट के साथ जल्द ही कम होनी शुरू हो जाएंगी. इस बात की जानकारी खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने दी है. सुधांशु के अनुसार, दिसंबर महीने में डिलीवरी वाले खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट के रुझान को देखते हुए, ऐसा लग रहा है कि खुदरा कीमतों में गिरावट शुरू हो जाएगी.
यास तूफान से प्रभावित किसानों को मिलेगा मुआवजा
बिहार के लगभग 16 जिलों के किसानों के लिए राहतभरी खबर है. दरअसल बिहार कृषि विभाग ने यास तूफान की वजह से बर्बाद हुई फसलों पर मुआवजा देने के लिए किसानों से आवेदन मांगे हैं. जिसकी अंतिम तारीख 12 सितंबर तय की गई है. साथ ही आवेदन से संबधित जानकारी प्राप्त करने के लिए आप किसान टोल फ्री नंबर 1800180155 पर कॉल कर सकते हैं.
मानसून के कहर से महाराष्ट्र में चौपट हुई खेती
खेती-किसानी के लिए मशहूर जलगांव के लोग इन दिनों भारी बारिश और बाढ़ का सामना कर रहें है. यहां किसान बहुत परेशान हैं. इस जिले में केला, गन्ना और कपास की बड़े पैमाने पर खेती होती है. जिनमें से केला को जियोग्राफिकल इंडीकेशन टैग (GI Tag) मिला हुआ है. जिसकी वजह से इसकी मांग विदेशों में भी है. यहां गन्ना, मक्का, मूंग और केले की खेती करने वाले किसानों की फसलों का अतिवृष्टि से नुकसान हुआ है. महाराष्ट्र के किसान जुलाई-अगस्त की भारी बारिश और बाढ़ से अभी उबरे भी नहीं थे कि सितंबर महिनें की बारिश भी उन पर सितम ढाने लग गई है.
कृषि वैज्ञानिकों की किसानों को खास सलाह
रबी की फसलों की बुवाई का समय आ गया है और गेहूं रबी सीजन की सबसे बड़ी फसल है. कृषि वैज्ञानिको के अनुसार गेहूं की खेती करने वाले किसान अगर श्री विधि से गेहूं की खेती करें तो उत्पादन कई गुना ज्यादा हो सकता है. इस विधि की खास बात है कि इसमें लागत कम लगती है और मुनाफ़ा ज्यादा होता है.
केले की खेती करने वाले किसानों के लिए अलर्ट
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर, बिहार के अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना के सहनिदेशक अनुसंधान डॉक्टर एस के सिंह ने केले के किसानों को सलाह दी है कि, केले की खेती पर फंगस को नियंत्रित करने के लिए बेकिंग सोड़ा पर आधारित स्प्रे का इस्तेमाल करें. स्प्रे को बनाने के लिए 2 लीटर पानी में 25 मिलीलीटर तरल साबुन के साथ 50 ग्राम बेकिंग सोडा को प्रति लीटर पानी में घोलकर घोल तैयार करें और संक्रमण से बचाव के लिए मिश्रण को संक्रमित शाखाओं और आस-पास की शाखाओं पर स्प्रे करें.