प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार 11 अक्टूबर, 2020 को संपत्ति कार्ड (Sampatti Card) लांच करेंगे. यह कार्ड स्वामित्व योजना (Swamitva Scheme) के तहत दिए जाएंगे. भारत की ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली एक बड़ी आबादी को सशक्त बनाने की लिहाज से यह योजना ऐतिहासिक मानी जा रही है. पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस योजना को लांच करेंगे. इसके लिए किसानों को अपने रिहायशी मकानों के डाक्यूमेंट्स देना होंगे. तो आइए जानते हैं क्या स्वामित्व योजना और ग्रामीणों की इससे क्या फायदा होगा-
क्या है ग्रामीणों के लिए स्वामित्व स्कीम
1-गांव में रहने वाली एक बड़ी आबादी के पास अपनी रिहायशी ज़मीन के कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं होते हैं. इसलिए उन्हें अपने मकानों का मालिकाना हक़ साबित करने में अक्षम होते हैं.
2- स्वामित्व योजना का लक्ष्य ग्रामीणों को उनके रहने वाले मकान का मालिकाना हक़ देना और उसका दस्तावेज बनाना है.
3- जिससे ग्रामीणों को उनके रिहायशी ज़मीन की संपत्ति का अधिकार मिल सकें.
4-ग्रामीणों की आवासीय ज़मीन को नापने के लिए ड्रोन और गूगल मैपिंग जैसी टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा.
5- रिहायशी ज़मीन का अधिकार मिलने के उसके मालिकों से टैक्स वसूला जाएगा.
6-इस टैक्स का उपयोग गांव के विकास में उपयोग किया जाएगा.
7-स्वामित्व योजना का सारा डाटा ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा.
8-अपनी संपत्ति का ब्यौरा ग्रामीण 'ई-ग्राम स्वराज' पोर्टल पर ऑनलाइन देख पाएंगे.
9-ऑनलाइन ही ग्रामीण अपने रिहायशी मकान का मालिकाना हक सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं.
6 राज्यों के करीब एक लाख ग्रामीण भारतीयों को स्वामित्व योजना का लाभ
शुरुआत में 1 लाख लोगों को मिलेगा
यह संपत्ति कार्ड शुरुआत में देश के 6 राज्यों के एक लाख से अधिक ग्रामीणों को मिलेगा. सभी को एसएसएम की जरिये लिंक भेजी गई है, जहां से वे अपना कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं. हालांकि बाद में ग्रामीणों को राज्यों सरकारों द्वारा संपत्ति कार्ड्स की हार्ड कॉपी बांटी जाएगी. योजना के पहले चरण में देश के 763 गांवों के शामिल किया गया है. जिसमें यूपी के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के 2 गांव के ग्रामीण शामिल हैं.
आसानी से मिलेगा बैंक लोन
प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस योजना को ग्रामीण भारत के लिए ऐतिहासिक बताया है. नई टेक्नोलॉजी के जरिए पहली बार इतना बड़ा कदम उठाया जा रहा है. इस योजना का सबसे बड़ा लाभ ग्रामीणों को बैंक लोन लेने में होगा. ऐसा कहा जा रहा है सरकार के इस कदम से ग्रामीणों द्वारा ऋण लेने और अन्य वित्तीय लाभ के लिए संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के रूप में उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा.