यूं तो देश में जमीनी विवाद की फेहरिस्त काफी लंबी है, लेकिन अफसोस इसके समाधान के लिए अभी तक कोई माकूल कदम नहीं उठाए गए थे, लेकिन अब सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 'स्वामित्व योजना' की शुरूआत की है. बताया जा रहा है कि इस योजना के माध्यम से व्यापक स्तर पर इस समस्या का निराकरण किया जाएगा, तो चलिए इस रिपोर्ट में हम आपको बताते चलें कि आखिर यह 'स्वामित्व योजना' क्या है और यह लोगों के विवाद को सुलझाने की दिशा में कैसे कारगर साबित हो सकती है?
क्या है स्वामित्व योजना?
स्वामित्व योजना की शुरूआत अक्टूबर 2020 में केंद्र सरकार की तरफ से की गई थी. इस योजना के तहत ग्रामीणों की जमीन की मैपिंग की जाएगी. इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से 500 ड्रोन लगाए गए हैं, ताकि सभी ग्रामीणों के जमीन की मैपिंग की जाए. इस योजना की बिसात को तेजी से बिछाने की कोशिश जारी है.
इस बारे में क्या कहते हैं पंचायती राज मंत्रालय?
इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए पंचायती राज मंत्रालय के सचिव सुनील कुमार कहते हैं कि एक उच्च तकनीक वाले ड्रोन को भारत के किसी भी गांव का नक्शा बनाने में महज 15 मिनट का समय लगता है. इस लिहाज से देखे तो यह काम बहुत जल्द रफ्तार पकड़ सकता है और इस दिशा में जितने भी विवाद आएंगे उसका जल्द से जल्द निपटारा किया जा सकेगा.
बताया जा रहा है कि 2024 तक ड्रोन मैपिंग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा और इस दिशा में जितने भी विवाद सामने आएंगे उसका तत्काल ही निपटारा कर दिया जाएगा. इस स्वामित्व योजना की लोकप्रियता अभी ग्रामीण क्षेत्र में बहुत तेजी से फैल रही है. ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों का इस योजना की ओर रूझान काफी तेजी से बढ़ रहा है.
इस बीच इस योजना के बारे में तफसील से बताते हुए उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार कहते हैं कि एक बार सर्वेक्षण पूरा होने के बाद सभी संपत्ति मालिक को संपत्ति कार्ड दिया जाता है.
इस कार्ड की उपयोगिता का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि इससे संपत्ति मालिक को बैंक से ऋण प्राप्त करने में सहायता प्राप्त हो सकती है. बहरहाल, अब देखना यह होगा कि इस योजना का आने वाले दिनों में ग्रामीणों पर क्या असर पड़ता है.