Kisan Credit Card: किसानों को अब KCC से मिलेगा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें कैसे उठाएं लाभ? Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Loan Scheme: युवाओं को बिना ब्याज मिल रहा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 10 February, 2022 11:04 PM IST
NABARD

देश में प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को आगे बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा प्रयास जारी है,  जिससे किसानों की आय में इजाफा होने के साथ- साथ ही उनकी आर्थिक  स्थिति में सुधार भी हो रहा है.

ऐसे में आज हम अपने इस लेख में चर्चा केंद्र सरकार की एक अहम पहल की चर्चा करने वाले हैं. दरअसल, प्रकृति खेती को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल की गई है, जो किसानों के लिए बहुत ही लाभदायक साबित हो सकती है.

बता दें कि नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) ने हाल ही में पर्यावरण के अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के लिए जीवा कार्यक्रम (Jiva Karyakram) का आयोजन किया है. जो कि नाबार्ड द्वारा चल रहे वाटरशेड (वाटरशेड) और वाडी (आदिवासी विकास परियोजनाओं) कार्यक्रमों के तहत 11 राज्यों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगा.

इस कार्यक्रम का आयोजन नाबार्ड के अध्यक्ष जीआर चिंताला (GR Chintala) द्वारा ऑनलाइन माध्यम से किया गया है. इस कार्यक्रम के लौन्चिंग के दौरान उन्होंने कहा कि देश की जीवा जल विभाजक कार्यक्रम कई परियोजनाओं की परिणति है. इसमें पांच भौगोलिक क्षेत्र शामिल हैं. ये क्षेत्र पर्यावरण की दृष्टि से नाजुक और वर्षा सिंचित क्षेत्र हैं. उन्होंने आगे कहा कि जीवा का उद्देश्य स्थायी आधार पर पर्यावरण के अनुकूल कृषि के सिद्धांतों को सुनिश्चित करना है. इसके अलावा किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करना है.

इसे पढ़ें - खेती के लिए आसानी से मिलेगा 50 हजार का कर्ज, नाबार्ड बना रहा ये खास ग्रुप

ऐसा इसलिए है, क्योंकि इन क्षेत्रों में व्यावसायिक खेती काम नहीं कर सकती है.. उन्होंने कहा कि हम इस कार्यक्रम के तहत प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये का निवेश करेंगे. जीवा कार्यक्रम को 11 राज्यों में 25 परियोजनाओं में पायलट आधार पर लागू किया जाएगा.

राष्ट्रीय और बहुपक्षीय एजेंसियों के साथ करेगा गठजोड़ (Will Tie Up With National And Multilateral Agencies)

नाबार्ड जीवा के लिए राष्ट्रीय और बहुपक्षीय एजेंसियों के साथ गठजोड़ करेगा. चिंताला ने कहा कि नाबार्ड ऑस्ट्रेलिया स्थित कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (CSIRO) के साथ साधारण मिट्टी के पानी की निगरानी करेगा. इसके साथ ही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के साथ अनुसंधान सहायता के साथ प्राकृतिक कृषि गतिविधियों के वैज्ञानिक सत्यापन के लिए सहयोग करेगा.

English Summary: jiva program will encourage natural farming, read full details
Published on: 10 February 2022, 12:43 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now