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Updated on: 2 January, 2021 3:13 PM IST
Farmers Protest

आज किसान आंदोलन (Kisan Andolan) का 38वां दिन है. अब भी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकारी किसान जमे हुए हैं. अहम बात ये है कि नए साल में 4 जनवरी को प्रदर्शनकारी किसान और सरकार के बीच अगले दौर की बातचीत होनी वाली है, तो क्या इस बातचीत के बाद किसानों का आंदोलन खत्म होगा?

बहरहाल किसान संगठनों ने 4 जनवरी तक आंदोलन तेज न करने का ऐलान किया है. बड़ी बात यह है कि दिल्ली में जारी किसानों के आंदोलन (Kisan Andolan) के बीच झारखंड के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख (Minister of Agriculture, Animal Husbandry and Cooperation of Jharkhand Badal Patralekh) पहुंचे.

उन्होंने दिल्ली में आंदोलनरत किसानों के साथ 31 दिसंबर की रात बिताई. इतना ही नहीं, वह देर रात सिंधु बॉर्डर के पास किसानों के चल रहे उग्र आंदोलन में भी पहुंच गए. इस दौरान किसानों के लिए खाना बनवाया और कड़ाके की ठंड के बावजूद पूरी रात किसानों के साथ बिताई.

इस दौरान झारखंड के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख (Badal Patralekh) ने कहा कि हम अपने घर में नया साल अच्छी तरह मनाएं और हमारे देश के किसान आंदोलन (Kisan Andolan) करते रहें, यह कहीं से उचित नहीं है. इस कारण बादल पत्रलेख ने किसानों के साथ ठंड में पूरी रात गुजारी. जब पूरा देश रात के 12 बजे नए साल के जश्न में डूबा था, तब कृषि मंत्री बादल सिंधु बॉर्डर पर किसानों के साथ टेंट में नया साल मना रहे थे.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ देश के सभी किसान हैं. ऐसे में केंद्र सरकार को किसानों का सम्मान करते करना चाहिए और उचित निर्णय लेना चाहिए. किसान हमारे अन्नदाता है, अगर इनके साथ अन्याय होगा, तो वह किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.

English Summary: Jharkhand Agriculture Minister New year celebrated with protesting farmers
Published on: 02 January 2021, 03:18 PM IST

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