भारतीय राजनीति में वोट की खातिर जनता को रिझाने की दिशा में उनसे बेशुमार वादे करने की रवायत बहुत पुरानी रही है. कभी रोजगार देने के वादे, तो कभी सबको शिक्षा देने के वादे, तो कभी सबको स्वास्थ्य सुविधा देने के वादे. अगर आजादी के सात दशकों के बाद भी भारतीय राजनीति में सियासी नुमाइंदों को महज चंद वोटों की खातिर इस तरह के वादे करने पड़ रहे हैं, तो इससे ज्यादा दुखद और कुछ नहीं हो सकता है.
खैर, यह एक अलग मसला है, लेकिन शायद आपको याद हो कि साल 2014 में भी बीजेपी ने अपनी जीत दर्ज करने के लिए किसानों से एक वादा किया. कई मौकों पर यह वादा चर्चा में रहता है. वहीं, विपक्षी दल भी सरकार द्वारा किए गए इस वादे पर सवाल खड़े करती रहती है. यह वादा था साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना. अब जब हम 2022 के मुहाने पर पहुंचने वाले हैं, तो इस सवाल पर चर्चा का सिलसिला शुरू हो चुका है. इस बात पर बहस छिड़ चुकी है कि क्या सरकार किसानों से किए इस वादे को पूरा करने में कामयाब हो पाएगी? आइए, अब जब हम साल 2022 के मुहाने पर पहुंचने वाले हैं, तो ऐसे मौके पर सरकार का क्या कहना है.
सरकार का क्या कहना है
अभी कुछ दिनों पहले शंघाई सहयोग संगठन में शामिल देशों के कृषि मंत्रियों ने इस प्रश्न पर गहन विचार-विमर्श किया. सभी मंत्रियों ने इस प्रश्न पर अलग-अलग तरह से अपनी राय व्यक्त की है, लेकिन इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस बात में कोई दोमत व दोराय नहीं है कि अगर हम कुछ तकनीकी खामियों को दुरूस्त कर लें, तो हम आगामी 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने में कामयाब रहेंगे.
उन्होंने 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए खुद के बनाए खाके को पेश करते हुए कहा कि इस दिशा में हम लगातार प्रयासरत हैं. उन्होंने कहा कि कृषि में आधुनिक तकनीकियों का इस्तेमाल करने के लिए हम काम कर रहे हैं. महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में काम किया जा रहा है. उन सभी मसलों पर ध्यान दिया जा रहा है, जो किसानों की आय को दोगुना करने में कारगर हो सकते हैं. आइए, इस लेख में आगे जानते हैं कि क्या कोरोना का कहर किसानों की आय आगामी 2022 तक दोगुना करने में बाधा उत्पन्न कर सकता है?
कोरोना वायरस नहीं होने देगा किसानों की आय दोगुनी?
इस प्रश्न का उत्तर तो महज आपको इसी से प्राप्त हो जाएगा कि जब कोरोना काल में सारे उद्योग धंधे चौपट हो चुके थे, तो उस वक्त महज कृषि क्षेत्र ही अंधकारमय हो चुकी अर्थव्यवस्था में विकास का दीपक जलाए हुए था. ऐसे आलम में जब सारे उद्योग धंधों ताला लग चुका था, तो केवल कृषि क्षेत्र ही जीडीपी में योगदान दे रहा था. इतना ही नहीं, कोरोना काल में खाद्य निर्यात में भी भारत ने अच्छा-खासा रिकॉर्ड बनाया था.
कृषि मंत्री ने गिनाई अब तक की बड़ी उपलब्धियां
इसके साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि क्षेत्र में अब तक सभी उपलब्धियों को गिनाया. उन्होंने कहा कि आज की तारीख में भारत खाद्यान के मामले में आत्मनिर्भर बन चुका है. भारतीय किसानों ने हरित क्रांति, नीली क्रांति, श्र्वेत क्रांति सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भी उल्लेखनीय काम किया है. इसके अलावा कई ऐसे उत्पाद रहे हैं, जिनका अत्याधिक मात्रा में उत्पादन कर भारतीय किसानों ने यूं समझिए की इतिहास रचा है. उन्होंने कहा कि दूध, सब्जी, अंड, फल में पूरे विश्व में अग्रणी उत्पादन देश बना है.
दो गुटों में बंटे किसान
वहीं, आगामी 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो पाती है कि नहीं इसे लेकर किसान भाई दो गुटों में बंट चुके हैं. एक ऐसा गुट जो मानता है कि जिस तरह की स्थिति मौजूदा वक्त में बनी हुई है, उससे किसानों की आय में 2022 तक दोगुनी होना तय है. वहीं, एक ऐसा गुट है, जो मानता है कि जिस तरह की शैली सरकार की बनी हुई है, उससे तो किसानों की आय दोगुनी होने वाली नहीं है. अब हम जब साल 2022 के बिल्कुल नजदीक पहुंचने वाले हैं. ऐसे में किसान भाइयों को दोगुनी हो पाती है की नहीं. यह प्रश्न तो फिलहाल भविष्य के गर्भ में छुपा है. तब तक के लिए आप कृषि क्षेत्र से जुड़ी हर बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए आप...कृषि जागरण.कॉम