आज दिनांक 16 जुलाई 2022 को कृषि विज्ञान केंद्र उजवा दिल्ली के द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, पूसा, नई दिल्ली (कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार) का 94 वां स्थापना दिवस मनाया गया.
कार्यक्रम के इस अवसर मुख्य अतिथि नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि मंत्री, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार एवं विशिष्ट अतिथि के रुप में पुरुषोत्तम रुपाला, केंद्रीय पशुपालन मंत्री, पशुपालन, मत्स्य एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार, कैलाश चैधरी, केंद्रीय राज्य कृषि मंत्री, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार एवं रमेश चंद, सदस्य, नीति आयोग, भारत सरकार उपस्थित हुए.
इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, पूसा, नई दिल्ली के द्वारा वर्चुअल रूप से देशभर के कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किया गया. इस उपलक्ष में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने किसानों की आय दोगुनी करने की असंख्य सफल किसानों में से 75000 किसानों की सफलता की कहानियों के संकलन का भी विमोचन किया एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थानों, केन्द्रिय कृषि एवं राज्य विश्वविद्यालय, नवाचार और प्रगतिशील किसानों को भी पुरस्कार वितरण किया गया. कार्यक्रम के शुरुआत में डाॅ. अशोक कुमार सिंह, उप महानिदेशक (कृषि प्रसार) ने सभागार में उपस्थित अतिथियों, वैज्ञानिकों एवं पुरस्कार से सम्मानित होने वाले कृषकों एवं देशभर में कृषि विज्ञान केन्द्रों से जुडे. किसानों का स्वागत किया.
नरेंद्र सिंह तोमर जी ने देशभर के किसानों को वर्चुअल रुप सें संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश भर में 113 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थान, 75 कृषि विश्वविद्यालय 715 स्टार्ट अप्प, 651 नई तकनीकों ने किसानों की आय दुगुनी करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने यह भी कहा है कि देश में 14 करोड़ किसान है, जिसमें 85 प्रतिशत लघु एवं सीमांत वर्ग की श्रेणी में है. श्री तोमर जी नें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 94 वर्षों की सफर की बधाई देते हुए कहा कि परिषद् ने विगत 94 वर्षों में लगभग 5800 से ज्यादा प्रजातियों की खोज कर देश को खाद्यान्न एवं बागवानी में आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई है जिससे देश अपने देश के साथ-साथ अन्य देशों को भी खाध्यान उपलब्ध करा रहा है.
इस उपलक्ष पर डॉ. त्रिलोकचन महापात्रा, महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पूसा, नई दिल्ली ने बताया कि वर्ष 2020-21 भा. कृ. अनु. प. के विभिन्न संस्थानों नें 5 करोड़ से अधिक पादप सामग्री का उत्पादन, 16 लाख सें अधिक ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण, 57 विभिन्न कृषि संबंधित अभियान चलायें गयें एवं प्रत्येक 2 वर्ष में विभिन्न राज्य-स्तरीय संवाद किया एवं 35 बायोफोर्टीफाइड प्रजातियां, 399 खाद्यान्न की नवीनत्तम प्रजातियां एवं 101 उद्यानिकी प्रजातियों का विमोचन हुआ. उन्होनें कहा कि देश के पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए क्लीन एंड ग्रीन पुरस्कार विभिन्न संस्थानों को देकर प्रोत्साहित किया जा रहा हैं एवं इसके लिए आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, सी.एस.आई.आर. एवं आ.ई.सी.आर के मध्य में त्रिस्तरीय समझौता हुआ एवं इसके साथ कृषि विज्ञान केंद्र एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के विभिन्न संस्थानों ने किसानों के मध्य में यूरिया को बढ़ावा देकर किसानों के खर्च में कमी के साथ मृदा व वातावरण को सुरक्षित रखने में भी अहम भूमिका निभाई है.
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पुरुषोत्तम रुपाला ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों को बधाई देते हुए नवाचार करने वाले वैज्ञानिकों को आगे आने के लिए आह्वान किया एवं बताया कि हमें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देसी गोवंश की भी उपयोगिता समझने पड़ेगी एवं उन्होंने हम वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् एवं कृषि विज्ञान केंद्रों को अभी से तैयार करने का सुझाव दिया.
इस कार्यक्रम के उपलक्ष में कैलाश चैधरी, केंद्रीय राज्य कृषि मंत्री ने नई शिक्षा निति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वर्ष 2013 में कृषि विकास के लिए 23 हजार करोड़ की राशि का प्रावधान था, जिसको वर्तमान सरकार ने 6 गुना बढ़ाकर 132000 करोड़ किया है. चौधरी ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् 94 वर्षगांठ मनाते हुए अपने शताब्दी वर्ष से पहले आगामी 6 वर्ष के लिए लक्ष्य व योजना बनाने की आवश्यकता है.
कृषि विज्ञान केंद्र, दिल्ली के परिसर में 94 वां स्थापना दिवस के अवसर पर वर्चुअल संचालन का प्रबंधन किया गया, जिसमें दिल्ली देहात के 200 से अधिक कृषकों ने भागीदारी की एवं उपरोक्त उद्बोधन से प्रेरित होकर आधुनिक खेती की तरफ अग्रसर होने एवं आगे बढ़ाने का संकल्प लिया.इस कार्यक्रम में 50 से अधिक महिलाओं ने भागीदारी कीं.
कार्यक्रम के अंत में डॉ पी के गुप्ता, अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा, दिल्ली ने केन्द्र के सभागार में उपस्थित किसानों को कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया एवं आगामी संस्था के द्वारा होने वाले विभिन्न कार्यों के बारे में संक्षिप्त जानकारी उपलब्ध करवाएं एवं कार्यक्रम के समापन होने के बाद कृषकों ने केन्द्र के विभिन्न इकाईयों जैसे सोलर फार्म प्रदर्शन इकाई का भ्रमण किया एवं सोलर फार्म में त्रिस्तरीय कृषि प्रणाली की जानकारी प्राप्त की.
इस कार्यक्रम को सफल करने में डॉ ऋतू सिंह, राकेश कुमार, डॉ. डी. के. राणा, डॉ. समर पाल सिंह, कैलाश, डॉ. जय प्रकाश, बृजेश कुमार एवं विशाल का सहयोग सहरानीय रहा.