Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 7 June, 2021 3:05 PM IST
Liquid Nano Urea

इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको/IFFCO) ने उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए खास कदम उठाया है. दरअसल, इफको (IFFCO) ने लिक्विड नैनो यूरिया (Liquid Nano Urea) की अपनी पहली खेप उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए भेज दी है. अब किसान लिक्विड नैनो यूरिया का उपयोग कर पाएंगे.

क्या है लिक्विड नैनो यूरिया

लिक्विड नैनो यूरिया (Liquid Nano Urea) एक नया उर्वरक है. इसे दुनिया में पहली बार गुजरात के कलोल स्थित नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर में इफको की पेटेंटेड तकनीक से विकसित किया गया है. बता दें कि इसे इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी द्वारा 31 मई, 2021 को नई दिल्ली में आम सभा की बैठक में पेश किया था. इसकी पहली खेप को गुजरात के कलोल से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है.

21वीं सदी का उत्पाद

इफको नैनो यूरिया 21वीं सदी का उत्पाद है जो कि मौजूदा समय की जरूरत है. इसके जरिए हम पर्यावरण, मिट्टी, हवा और पानी को स्वच्छ कर सकते हैं. इसके साथ ही आने वाली पीढ़ियों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं.

नैनो यूरिया प्लांट के निर्माण का काम शुरू

जानकारी के लिए बता दें कि गुजरात के कलोल और उत्तर प्रदेश के आंवला और फूलपुर स्थित इफको के कारखानों में नैनो यूरिया प्लांट के निर्माण का काम पहले ही शुरू हो चुका है. इसके पहले चरण में 14 करोड़ बोतलों की वार्षिक उत्पादन क्षमता विकसित की गई है, तो वहीं दूसरे चरण में वर्ष 2023 तक अतिरिक्त 18 करोड़ बोतलों का उत्पादन किया जाएगा. इस तरह वर्ष 2023 तक 32 करोड़ बोतल संभवतः 1.37 करोड़ मीट्रिक टन यूरिया की जगह ले लेंगे.

नैनो यूरिया नाम क्यों पड़ा

आपको बता दें कि इफको नैनो यूरिया के एक कण का आकार करीब 30 नैनोमीटर होता है. इस तरह सामान्य यूरिया की तुलना में आयतन अनुपात करीब 10 हजार गुना ज्यादा होता है. जब अपने अति-सूक्ष्म आकार और सतही विशेषताओं की वजह से नैनो यूरिया को पत्तियों पर छिड़का जाता है, तो इसे पौधों द्वारा आसानी से सोख लिया जाता है.

बता दें कि पौधों के जिन भागों में नाइट्रोजन की जरूरत है. ये कण वहां पहुंचकर संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्रदान करते हैं.

English Summary: IFFCO has sent the first consignment of Liquid Nano Urea to the farmers of UP
Published on: 07 June 2021, 03:11 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now