सम्मेलन का आयोजन एशियन फिशरीज सोसाइटी के जलीय कृषि और मत्स्य पालन संभाग, आईसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज टेक्नॉलोजी (सीआईएफटी) के द्वारा कोच्चि के आईएमए हाउस में किया जाएगा.
सीआईएफटी, भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र (आईसीएआर) के तहत फसल और कटाई के बाद मत्स्य पालन के क्षेत्र में एक प्रमुख शोध संगठन है.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार और सोसाइटी ऑफ फिशरीज टेक्नॉलोजीस्ट इंडिया (एसओएफटीआई) कर रहे हैं. सम्मेलन का उद्घाटन केरल के राज्यपाल आरिफ मो. खान 20 नवंबर को शाम 4:00 बजे भास्करेयम कन्वेंशन सेंटर, एल्लमकारा, एर्नाकुलम में करेंगे.
आठवें वैश्विक सम्मेलन का विषय ‘भविष्य को आकार-सतत जलीय कृषि और मत्स्य पालन के लिए लिंग न्याय’ पर आधारित है. सम्मेलन का उद्देश्य जलीय कृषि और मत्स्य पालन क्षेत्र में लैंगिक मुद्दों को आगे लाना और इसके संभावित समाधानों पर चर्चा करना है. इसके अलावा सम्मेलन नई दिशा और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से मत्स्य पालन और संबंधित गतिविधियों से जुड़े लोगों के बीच एक नेटवर्क स्थापित करने के लिए मंच प्रदान करेगा.
तीन दिवसीय सम्मेलन में भारत और विदेशों के 300 से अधिक वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, लिंग विशेषज्ञों, नीति निर्माता और युवा शामिल होंगे. 20 देशों के प्रतिनिधि GAF8 के लिए अपने विशेष कार्य प्रस्तुत करेंगे. सम्मेलन में हर साल छह मुख्य विषयों के अलावा, सयुंक्त राष्ट्र के एफएओ, प्रशांत समुदाय, बीओबीपी, आईसीएसएफ आदि सहित अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संगठनों द्वारा 10 विशेष सत्र आयोजित किए जाते हैं.
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सम्मेलन का उद्देश्य
डॉ. जॉर्ज निनन, निदेशक आईसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज टेक्नोलॉजी ने कार्यक्रम के संबंध में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमें गर्व और खुशी है कि इस बार यह सम्मेलन भारत में आयोजित किया जा रहा है. सम्मेलन दो विषयों ‘विश्व रोगाणुरोधी जागरूकता सप्ताह’ और दूसरा ‘सीमांत मत्स्य पालन के वैश्विक और क्षेत्रीय महत्व’ पर आधारित रहेगा.
सम्मेलन का उद्देश्य जलीय कृषि और मत्स्य पालन में लैंगिक मुद्दों को आगे लाना और संभावित समाधानों पर चर्चा करना है.