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Updated on: 13 April, 2022 11:28 AM IST
बंजर जमीन पर अनुदान

सरकार किसानों की आय बढ़ाने व आर्थिक मदद करने के लिए तरह-तरह की योजनाओं पर काम करती रहती हैं, ताकि देश के किसान को खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. इसी क्रम में जिला उद्यान विभाग भी किसानों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं.

आपको बता दें कि किसान की बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने व उस पर खेती करने के लिए जिला उद्यान विभाग के द्वारा बंजर जमीन पर काम किया जा रहा है. उद्यान विभाग द्वारा किसानों को बंजर जमीन के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान भी दिया जा रहा है. जिससे किसान बंजर जमीन को उपजाऊ बना सके.

जिले में 22109 हेक्टेयर तक बंजर जमीन फैली (Barren land spread up to 22109 hectares in the district)

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कटिहार जिले में लगभग 22109 हेक्टेयर तक बंजर जमीन (barren land) फैली है. उद्यान विभाग की अनुदान योजना के तहत इन बंजर जमीन पर ड्रैगन फ्रूट, सेव आदि फसल के पौधे की खेती की जा सके. जहां पूरे देश में राष्ट्रीय बागवानी क्षेत्र विस्तार योजना (National Horticulture Area Extension Scheme) से किसानों की बंजर जमीन को उपजाऊ बनाया जा रहा है. वहीं अब उद्यान विभाग(forest Department) द्वारा भी इस योजना को लेकर किसान भाइयों की मदद की जा रही है, जिससे किसान इन जमीनों पर आंवला व ड्रैगन फ्रूट की खेती कर लाभ कमा सकें.

योजना का मुख्य उद्देश्य (main objective of the plan)

  • किसानों को आत्मनिर्भर बनाना.
  • जिले में किसानों की आय में वृद्धि करना.
  • बंजर जमीन को खेती के लायक करना.
  • आंवला व ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देना.

खेती के लिए प्रशिक्षण (training for farming)

किसानों को खेती करते समय किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो, इसके लिए उद्यान विभाग के द्वारा आंवला व ड्रैगन फ्रूट की खेती (Amla and dragon fruit cultivation) के लिए समय-समय पर मुफ्त में प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. किसानों को प्रशिक्षण के दौरान खेती करने के नई-नई तकनीक और खेती में इस्तेमाल होने वाले उपयोगी कृषि यंत्रों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा.

इस विषय में कृषि विज्ञानिक पंकज कुमार का कहना है कि विभाग के द्वारा कम उर्वरा शक्ति वाले व बंजर जमीन की पहचान कर किसानों की मदद की जाएगी और उससे जुड़ी सभी परेशानियों का हल किया जाएगा. 

English Summary: Horticulture department will give 50% grant for cultivating barren land
Published on: 13 April 2022, 11:31 AM IST

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