हरियाणा (Haryana) के गन्ना किसानों (Sugarcane Farmers) के लिए एक खुशखबरी (Good News) है और वो यह है कि राज्य की सरकार सभी लंबित भुगतानों को 10 जुलाई 2021 तक निपटाने वाली है. यह जानकारी सहकारिता मंत्री बनवारी लाल द्वारा दी गई है.
10 जुलाई तक होगा भुगतान
पेराई सत्र 2020-2021 के दौरान सहकारी चीनी मिलों द्वारा लगभग 429.35 लाख क्विंटल गन्ने की खरीद की गई थी. इसका कुल मूल्य 1,500.83 करोड़ रुपए है. बताया जा रहा है कि इसमें गन्ना किसानों (Sugarcane Farmers) को लगभग 1,082.16 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं. बाकी राशि 10 जुलाई तक दी जाएगी.
परियोजना पर शुरू हुआ काम
आपको बता दें कि चीनी मिल में जैविक ईंधन परियोजना पर काम शुरू हो चुका है. इस पर बहुत जल्द ही अन्य सहकारी चीनी मिलों द्वारा भी काम शुरू किया जाएगा. बता दें कि जिन चीनी मिलों में कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा अच्छा काम किया जा रहा है. उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
यूपी में भी गन्ना किसानों को नहीं मिला है बकाया
देश के कई राज्यों में गन्ना उत्पादन किया जाता है. इसमें उत्तर प्रदेश का नाम भी शामिल है. यहां 31 जनवरी 2021 तक लगभग 520.64 लाख टन गन्ना की चीनी मिलों ने खरीद की है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो जारी किया गया आंकड़ा जनवरी महीने का है, लेकिन अप्रैल तक उत्तर प्रदेश के किसानों द्वारा लगभग 1 हजार लाख टन से अधिक गन्ना चीनी मिलों को दिया जा चुका है. यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना के आधार पर बताया जा रहा है.
सरकार ने किया भुगतान
सरकार ने 31 जनवरी तक के गन्ने का लगभग 15963 करोड़ रुपए भुगतान किया है, लेकिन इसके बाद की राशि नबीं चुकाई गई है. यह राशि लगभग 14 हजार करोड़ रुपए के आसपास है. मौजूदा 2020-21 के मार्केटिंग सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी मिलों ने अप्रैल तक घरेलू बाजार में लगभग 1 करोड़ 52.6 लाख टन चीनी की बिक्री की है.
सरकार ने लगभग 1.47 करोड़ टन का कोटा तय किया है, साथ ही अब तक लगभग 57 लाख टन चीनी निर्यात करने का अनुबंध किया है. चालू सत्र की बात करें, तो सरकार द्वारा तय लगभग 60 लाख टन निर्यात लक्ष्य का 95 प्रतिशत है.