मध्य प्रदेश के किसान नेता और कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) द्वारा बताया गया है कि राज्य के लाखों किसानों के बिजली बिलों का भुगतान सरकार कर रही है. उनका कहना है कि अगर राज्य सरकार किसानों के बिलों की सब्सिडी जमा नहीं करेगी, तो किसान अपने खेतों में आसानी फसल नहीं उगा पाएंगे.
बता दें कि किसान खेती करते समय कई कृषि यंत्रों का उपयोग करते हैं, जिन्हें चलाने के लिए बिजली का इस्तेमाल किया जाता है.
कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि किसान अपनी फसल उगाने में करोड़ों रुपए का डीजल फूंक देता था, इसलिए खेती को घाटे का धंधा कहा जाता था. मगर जब से प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी है, तब से हमारी सरकार खेती को लाभ का धंधा बनाने का प्रयास कर रही है.
सब्सिडी के रूप में बिजली का बिल जमा करती है सरकार (Government Collects Electricity Bill As Subsidy)
इस बीच मंत्री पटेल ने कहा है कि सरकार किसानों के लाखों रुपए के बिल को सब्सिडी (subsidy) के रूप में जमा कर रही है. जब बड़े किसान खेत में सिंचाई करने के लिए ट्यूब बेल में10 हॉर्स पावर की एक मोटर का इस्तेमाल करते हैं, सालभर का उसका बिल लगभग 90 हजार 630 रुपए आता है. इसमें से किसान से मात्र 7000 रुपय बिल राशि ली जाती है. बाकी 83 हजार 630 बकाया राशि सरकार द्वारा जमा की जाती है. वहीं, अगर किसान भाई अपने खेत में साढ़े सात हजार हॉर्स पावर की मोटर चलाते हैं, तो उसका बिल 75 हजार 594 रुपए आता है. इसमें से किसान मात्र 5600 रुपए बिल देता है औऱ बाकी 69 हजार 984 रुपए सरकार द्वारा दिए जाते हैं. इस प्रकार जब किसान भाई 5 -5 मोटर का इस्तेमाल करते हैं, तो उसका बिल लाखों में आता है, जिसका भुगतान सरकार द्वारा ही किया जाता है.
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सरकार किसानों के लिए हर तरह से उनकी मदद करता रहता है ताकि किसानों को उनकी खेती से सम्बंधित कार्य में कोई परेशानी न हो. इसी पहले में मध्य प्रदेश सरकार ने भी किसानों की आर्थिक स्तिथि पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े इसलिए ऐसा कार्य कर रही है.