मसाला उन कृषि उत्पादों में आता है, जो जिनके उपयोग से भोजन को सुगन्धित और स्वादिष्ट, बनाया जाता है. भारत में पाई जाने वाली गुणवत्ता पूर्वक मिटटी में सभी प्रकार के मसालों की खेती होती है. भारत में उगाये गये मसालों का स्वाद भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. इनके अद्भुत स्वाद और सुगंध की वजह से भारत में मसालों की खेती (Cultivation Of Spices) बड़े रूप में की जाती है.
इतना ही नहीं, पूरे भारत में विश्व के हर प्रकार के मसालों की खेती सर्वाधिक मात्रा में की जाती है. भारत विश्व में मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक देश माना जाता है. मसालों का महत्व केवल इनका स्वादिष्ट व सुगन्धकारक होने के कारण ही नहीं, बल्कि इनका आर्थिक, व्यावसायिक, औद्योगिक व औषधीय महत्व से भी बहुत अधिक है.
हल्दी के निर्यात में हुई 42% वृद्धि (Turmeric Exports Increased By 42%)
इसी कड़ी में इस वर्ष भारतीय मसालों में हल्दी के निर्यात में 42 प्रतिशत वृद्धि पायी गयी है. जी हाँ, इस बात की जानकारी केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister Of Commerce And Industry Piyush Goyal ) ने मसाला बोर्ड की 35 वीं वर्षगांठ कार्यक्रम के दौरान मसालों के महत्व को संबोधित करते हुए कहा. उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान कोविड महामारी के दौरान हल्दी और काली मिर्च आदि का उपयोग करके बनाया जाने वाला सुनहरा दूध इम्यूनिटी बढ़ाने (Immunity Booster) के लिए सबसे अधिक खोजे जाने वाले व्यंजनों में शामिल हो गया है.
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इलायची के लिए बना फसल बीमा योजना (Crop Insurance Scheme Made For Cardamom)
वहीँ इलायची की खेती (Cardamom Cultivation) करने वाले किसानों (Farmers) के लिए इनोवेटिव मौसम आधारित फसल बीमा योजना की शुरूआत की. इससे मसालों की खेती करने वाले किसानों को राहत मिलेगी. गोयल ने मसाला बोर्ड से भारत के सभी क्षेत्रों में गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला नेटवर्क की पहुंच का विस्तार करने का आग्रह किया, ताकि गुणवत्ता पर फोकस किया जा सके. उन्होंने कहा कि अब भारतीय मसाले और मसालों के उत्पाद विश्व भर में 180 से अधिक जगहों तक पहुंचा रहे हैं.