केंद्र सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इस बीच एक और अहम कदम उठाया गया है. दरअसल, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण विभाग की तरफ से ऐलान किया गया है कि बीज बैंक योजना को बड़े पैमाने पर शुरू किया जाएगा. इस योजना के तहत देशभर में जिलेवार बीज बैंक स्थापित किए जाएंगे. इसके साथ ही किसानों को बीज बैंक का लाइसेंस दिया जाएगा. इस तरह किसान बीज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन पाएंगे.
क्या है योजना?
इस योजना के तहत देश के 650 जिलों में बीज बैंक स्थापित होंगे. इस समय किसान लगभग 30 प्रतिशत बीज खुद बनाते हैं, तो वहीं बाकी बीजों के लिए बाजार या फिर सरकारी सस्ते बीजों की उपलब्धता पर निर्भर रहते हैं. इससे कई बार बीज की गुणवत्ता खराब निकल जाती है, जिससे फसल की कम पैदावार प्राप्त होती है. ऐसे में किसान सही दिशा में सक्रिय हो पाए, इसलिए मंत्रालय ने पहले के लाइसेंस नियमों में भी बहुत ढील दी है. इसके साथ ही किसानों को स्थानीय कृषि प्रसार केंद्र पर प्रशिक्षण दिया जाएगा.
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लाइसेंस के लिए योग्यताएं
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बीज बैंक के लाइसेंस के लिए 10वीं पास होना ही काफी होगा.
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किसान के पास अपनी, बटाई या पट्टेदारी में कम से कम 1 एकड़ जमीन होनी चाहिए
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राज्य स्तर से बीज के स्तर और मानकों के लिए निबंधन और प्रमाणन करना होगा.
मिलेगी सरकारी मदद
आपको बता दें कि सरकार की तरफ से एक मुश्त प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जाएगी. इसके अलावा भंडारण की सुविधा, प्रशिक्षण की सुविधा और उपलब्ध संसाधनों पर सब्सिडी भी दी जाएगी. खास बात है कि बीज बैंक का लाइसेंस लेने वाले किसान को बाजार उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.
तय होगा बीज का मूल्य
सबसे अच्छी बात है कि पहले से ही बीज का मूल्य तय कर दिया जाएगा. इसके लिए फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी पर 20 प्रतिशत राशि को जोड़कर प्रसंस्करण बीज के आधार पर क्रय मूल्य का निर्धारण राज्य बीज निगम करेगा. अगर जिला स्तर पर बीज बैंक होने से किसान को अच्छे और सस्ते बीज मिल पाएंगे, साथ ही उच्च गुणवत्ता वाली फसल मिल पाएगी.
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