कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन में सरकार किसानों को आर्थिक मुश्किलों से बाहर निकालने के लिए कई तरह की योजनाएं बना रही है जिससे किसानों को राहत मिल सके.ऐसे में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल फसल उत्पादन (Crop Production) को प्रोत्साहित करने और किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलवाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना (Rajeev Gandhi Kisan Niyay Yojna) की शुरुआत करने जा रहें है. इसका शुभारंभ देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि यानी 21 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) द्वारा की जाएगी.
इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 19 लाख किसानों को 5,700 करोड़ रुपए की धन राशि 4 किस्तों (Installments) में सीधे उनके बैंक खातों में डाली जाएगी. इस उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी कैबिनेट मंत्रियों के अलावा छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सांसद, विधायक और कुछ किसान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होंगे. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भूमिहीन कृषि मजदूरों को इस योजना के द्वितीय चरण में शामिल करने का फैसला लिया है.
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, राज्य सरकार इस योजना के तहत खरीफ 2019 से धान तथा मक्का लगाने वाले किसानों को सहकारी समिति के माध्यम से उपार्जित मात्रा के आधार पर अधिकतम 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि देगी.
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस योजना में राज्य सरकार ने
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खरीफ 2020 में धान, सोयाबीन मक्का, मूंगफली, तिल, उड़द, कोटकी, कुल्थी, अरहर रामतिल, कोदो, मूंग को शामिल किया है.
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रबी 2020 में इसमें गन्ने की फसल को शामिल किया गया है.
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अगर कोई अनुदान लेने वाला किसान गत वर्ष धान की फसल लेता है और इस साल धान की जगह योजना में शामिल फसल लेता हैं तो उन्हें प्रति एकड़ पर अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी.
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