कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीड़ माना जाता है. हमारे देश में गेहूं और धान की खेती मुख्य रूप से की जाती है. अगर बात धान की खेती की करें, तो इसकी खेती पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर होती है.बता दें कि हमारे देश में करीब 36.95 मिलियन हेक्टेयर में धान का उत्पादन किया जाता है.
वहीँ, सरकार भी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए तरह–तरह की योजनाएं संचालित कर रही है.
हाल ही में हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Government) भारतीय खाद्य निगम के तहत धान की खरीद करने की योजना शुरू करने जा रही है. इस योजना के तहत किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ दिया जाएगा. इसके चलते राज्य के कई जिलों में मंडियां खोली जा रही हैं. इनमें पांवटा साहिब, ऊना, नालागढ़, रियाली फतेहपुर, अनाज मंडी फतेहपुर और त्यौरा इंदौरा का नाम शामिल है.
15 अक्टूबर से शुरू होगी धान की खरीद (Paddy Procurement Will Start From October 15)
इस योजना के तहत सभी मंडियों में धान की खरीद तारीख 15 अक्टूबर तय की गई है. बता दें कि मंडियों में धान की खरीद ऑनलाइन माध्यम (Online ) से की जाएगी. इसलिए किसान भाई इसका लाभ उठाने के लिए 15 अक्टूबर से पहले अपना आवेदन कर सकते हैं.
जानकारी के लिए बता दें मंडियों में धान को बेचने के लिए धान मीठे, सूखा, साफ, एवं उतम खाद्य मूल्य से परिपूर्ण दानों के रंग और आकार में एकरूप होना चाहिए.
इसके साथ ही धान की फसल पर किसी भी प्रकार की कलरिंग एजेंटों का मिश्रण नही होना चाहिए. इसके अलावा धान में अकार्बनिक की मात्रा 1 फीसदी और कार्बनिक1 फीसदी होना चाहिए. वहीं, धान का दाना फीसदी से अधिक सिकुड़ नहीं होना चाहिए.