Papaya Farming: पपीते की खेती से होगी प्रति एकड़ 12 लाख रुपये तक कमाई! जानिए पूरी विधि सोलर पंप संयंत्र पर राज्य सरकार दे रही 60% अनुदान, जानिए योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया केवल 80 से 85 दिनों में तैयार होने वाला Yodha Plus बाजरा हाइब्रिड: किसानों के लिए अधिक उत्पादन का भरोसेमंद विकल्प किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 15 February, 2022 1:36 PM IST
Agriculture

बदलते समय के साथ खेतीबाड़ी में नई–नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. कम समय में फसल की अच्छी उपज हो सके, इसके लिए कृषि वैज्ञानिक नए प्रयास करते रहते हैं. इसी क्रम में रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (Indira Gandhi Agricultural University) के वैज्ञानिकों ने किसानों की फसल से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए एक नई तकनीक पेश की है.

दरअसल, किसानों को अक्सर फसल से सम्बंधित समस्याओं (Crop Related Problems ) के निदान के लिए जिले के कृषि केन्द्रों पर जाना पड़ता है. इसके लिए किसानों को भागा दौड़ी करनी पड़ती है, लेकिन अब किसानों की फसल से सम्बंधित समस्या चंद मिनटों में दूर होगी.

जी हाँ, छत्तीसगढ़ के रायपुर में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने समन्वय केंद्रों (खाद-बीज केंद्र) के साथ मिलकर व्हाट्सऐप ग्रुप (Whatsapp Group) बनाया है. जिस ग्रुप में जिले और प्रदेश के किसानों के अलावा कृषि विवि के वैज्ञानिक भी जुड़े हैं. इस ग्रुप की मदद से किसानों की समस्या को चंद मिनटों में दूर कू जाएगी.

इसके लिए किसान अपनी फसलों की समस्या व्हाट्सऐप ग्रुप में साझा करेंगे वैज्ञानिक उन समस्याओं का समाधान देंग. वैज्ञानिकों के इस प्रयास से किसानों को फसल से सम्बंधित समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.  

इसे पढ़ें - दामिनी ऐप डाउनलोड कर किसान आकाशीय बिजली गिरने से खुद को करें महफूज, 30-40 मिनट पहले मिलेगा अलर्ट

व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़े हर जिले के किसान (Farmers Of Every District Associated With Whatsapp Group)

वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया ये व्हाट्सऐप ग्रुप किसान वैज्ञानिक मंच और किसान समाधान के नाम से हैं. इस ग्रुप से राज्य के ज्यादतर सभी किसान जुड़े हुए है. इस व्हाट्सऐप ग्रुप से किसान जुड़कर खुद की और अपने साथी किसानों की फसल संबंधी समस्या का समाधान करवा रहे हैं. यह प्रयास किसानों के लिए काफी लाभदायी साबित हो रहा है. विवि प्रबंधन (IGKV) के अधिकारियों  की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार, किसान वैज्ञानिक मंच नाम से व्हाट्सऐप ग्रुप से हर जिले के किसान जुड़े हैं. इस ग्रुप में जुड़े किसान की समस्याओं का हल जल्द से जल्द दिया जा रहा है. किसानों की समस्याओं का समाधान समय पर हो रहा है या नहीं, इसके लिए नोडल भी बनाया गया है, जिसकी जानकारी नोडल सीधे प्रबंधन को रिपोर्ट करता है.

व्हाट्सऐप ग्रुप किसानों के लिए फायदेमंद (Whatsapp Group Beneficial For Farmers)

  • किसानों को आसानी से समस्या का हल मिल जाएगा.

  • समय की बचत होती है.

  • समय पर फसलों की समस्याओं का समाधान होता है.

इसी तरह कई और ग्रुप भी बनाये गये हैं, जो भिन्न – भिन्न नामों से हैं. जिनमें सीजी एग्रोसोल्यूशन डायसी कृषि आदान नाम से है, जिसमें 1250 सदस्य जुड़े हुए हैं. इसी तरह बॉयो मिशन ग्रुप में 350 सदस्य और लगभग 7000 सदस्य किसान जुड़े हुए है. 

English Summary: good news! farmers' problems will be overcome with just one message, know how
Published on: 15 February 2022, 01:43 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now