कोरोना महामारी के संकम्रण से बचाने के लिए लोग शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना, लगातार हाथ धोने जैसे जतन कर रहे हैं. डॉक्टर भी सलाह दे रहे हैं कि इस वक्त सभी लोगों को ताजी हरी सब्जियों और मौसमी फल खाने चाहिए, ताकि उनकी सेहत कमजोर न पड़ पाए. यही कारण है कि अब हरी सब्जियों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसा होने लॉकडाउन में गैर राज्यों से पलायन कर लौटे प्रवासी श्रमिकों के लिए बहुत लाभ पहुंचा रहा है, क्य़ोंकि इस मांग से उनके लिए घर में ही रोजगार के अवसर मिल रहे हैं.
इस बीच उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से खबर सामने आई है कि यहां महिलाएं भी हरी सब्जियां बेचकर काफी अच्छा मुनाफ़ा कमा रही हैं. महिलाओं का कहना है कि उनके परिवार के लोग लॉकडाउन से पहले नोएडा, दिल्ली और गुड़गांव में नौकरी किया करते थे. इससे उनके परिवार का गुजर बसर होता था. मगर कोरोना ककी वजह से लगे लॉकडाउन में उन सभी का रोजगार छिन गया है, जिस कारण वह सभी लोग गांव वापस लौट आए हैं. इसके बाद परिवार को चलाने के लिए महिलाएं और उनके परिवार ने खेतीबाड़ी करना शुरू कर दिया.
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इस वक्त तोरई, लौकी, भिंडी, हरी मिर्च समेत कई अन्य सब्जियों की खेती कर रहे हैं. बता दें कि अभी कोरोना के चलते इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए हरी सब्जियों की मांग बहुत बढ़ गई है. इसके जरिए दर्जन भर से ज्यादा महिलाओं को काम मिल पा रहा है. इससे हर रोज महिलाएं करीब 200 रूपए कमा ही लेती हैं. खास बात है कि जहां शहरों से अभी तक सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन की तस्वीर सामने आ रही हैं, तो वहीं ये महिलाएं खेत में बकायदा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके अपनी जीविका चला रही हैं. इस तरह मजदूर कोरोना को भी मात देते हुए नजर आ रहे हैं.
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