आजकल लोगों को नौकरियां आसानी से नहीं मिलती हैं, जिस वजह से देश में बेरोजगारी बहुत ज्यादा बढ़ गई है. जब से कोरोना महामारी आई है, तब से कुछ ज्यादा ही बेरोजगारी की संख्या बढ़ती दिखाई दे रही है. बेरोजगारी आम जनता के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बना गयी है.
ऐसे में दिल्ली की मल्टीमीडिया कंपनी में इंजीनियर पद पर कार्य करते निर्मल देव ने एक ऐसा ऐप विकसित किया है, जिसके इस्तेमाल से अब लोगों को नौकरी आसानी से प्राप्त हो सकेगी.
दरअसल, बिहार स्थित भागलपुर के खगड़िया के रहने वाले निर्मल देव ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान देखा कि कुछ गरीब वर्ग के व्यक्तियों को कोरोना काल के दौरान नौकरी की परेशानी हो रही थी. नौकरी की तलाश में लगे लोग रात दिन एक कर रहे असफल हो रहे थे, जिस वजह से उन्हें अपने दो वक़्त की रोटी भी खाना मुश्किल पड़ रही थी. ऐसे में उन गरीब और नौकरी की तलाश कर रहे लोगों की सहायता करने हेतु एक नया और ख़ास तरह का स्टार्टअप शुरू करने की सोची. हाल ही में उन्होंने एक ख़ास किस्म का ऐप लॉन्च किया है, जो लोगों को काम दिलाने में मदद करेगा.
फ्रोगवॉक ऐप की विशेषता (Features Of The Frogwalk App)
निर्मल देव द्वारा लॉन्च किया गया इस ऐप का नाम फ्रोगवॉक है. निर्मल देव का कहना है कि इस ऐप के माध्यम से आप अपने घर में किसी भी प्रकार के काम के लिए बाहर से कामगारों को बुला सकते हैं. यानि छोटे कामगार जैसे प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन, कारपेंटर, पेंटर, रिपेयर सर्विस, हलवाई आदि को हमेशा काम की जरुरत रहती है और हम सभी के घरों में छोटी मोटी परेशनियाँ जैसे नल खराब होना, घर में पेंट करवाना अदि की जरुरत पड़ती है.
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ऐसे में इन कामगारों से कैसे संपर्क किया जाये. इन सभी बातों को ध्यान में रख निर्मल देव ने ऐप बनाया है. इसमें सभी छोटे कामगारों के नाम एवं उनके नंबर दिए गये हैं, जिनकी मदद से आप आसानी से इन कामगारों को घर बुलाकर काम करवा सकते हैं. साथ ही इस ऐप के माध्यम से आप सभी डॉक्टर, होटल सहित कई अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
बिहार में भी लॉन्च करने की तैयारी (Preparation To Launch In Bihar Also)
निर्मल देव का कहना है कि फ्रोगवॉक ऐप के लिए उन्हें राज्य सरकार की तरफ से बिहार चेंज मेकर अवार्ड 2022 भी मिल चुका है. उन्होंने बताया कि इस ऐप से सिर्फ तीन जिलों में 1000 से ज्यादा कामगार जुड़े हैं. इसकी भरपूर सफलता के बाद अब वे अपने इस ऐप को पूरे बिहार में लाना चाहते हैं, जिससे लोगों को आसानी से कम मिल सकेगा.