जैसे-जैसे ठण्ड का मौसम बढ़ता जाता है. वैसे-वैसे पशुओं में विभिन्न प्रकार की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. इसकी वजह वातावरण में मौजूद नमी है. इसकी वजह से कीटाणु अधिक सक्रीय हो जाते हैं और अगर सही तरीकों से उनकी देखभाल ना की जाए, तो बीमारियां बढ़ने का खतरा अधिक रहता है.
जिसमें कई संक्रामक रोग होते हैं, जिसे एक बार टीकाकरण कराने से रोका जा सकता है. इसी तरह की एक संक्रामक रोग “ब्रुसिलोसिस” है. यह बीमारी गर्भवती पशुओं में मुख्य रूप से होती है. जिससे पशुओं का गर्भपात हो जाता है. यह रोग संक्रमण के कारण फैलता रहता है, जिससे पशुपालकों को काफी नुकसान होता है.
राज्य सरकार द्वारा टीकाकरण
इस बीमारी से बचाव के लिए के लिए राज्य सरकारों के द्वारा समय-समय पर अभियान चलाकर सभी पशुओं का टीकाकरण किया जाता है. जिससे उन्हें इस बीमारी से बचाया जा सके. पशुपालकों को आर्थिक स्थति इतनी अच्छी नहीं होती है कि वो इस तरह का टीकाकरण पशुओं को करवा सके. ऐसे में राज्य सरकार अपनी तरफ से इनके लिए टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराती है. इसका लाभ पशुपालकों को मिलता है. अभी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के पशुपालकों के लिए केंद्र सरकार की मदद से सभी गाय-भैंस वंशीय पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है. ऐसे में राज्य के सभी पशुपालक जिनके पशुओं को अभी तक ब्रुसिलोसिस रोग का टीका नहीं लगा है वह इस माह यह टीका लगवा सकते हैं.
कब से कब तक चलेगा टीकाकरण अभियान
मध्यप्रदेश राज्य में ब्रुसिलोसिस बीमारी की रोकथाम के लिए प्रदेश व्यापी निःशुल्क टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत राज्य के सभी गौ-भैंस वंशीय मादा बछियों का निःशुल्क टीकाकरण किया जाएगा. यह अभियान 1 जनवरी से 31 जनवरी 2022 तक चलाया जायेगा. यह टीकाकरण प्रदेश के सभी जिलों, पंचायतों तथा ग्रामों में दिया जायेगा.
क्या होता है ब्रुसिलेसिस रोग ?
गाय-भैंस वंशीय पशुओं में यह रोग ब्रुसेल्ला एबार्टस नामक जीवाणु द्वारा होता है. ये जीवाणु गाभिन पशु के बच्चेदानी में रहता है तथा अंतिम तिमाही में गर्भपात कराता है. इस बीमारी से ग्रस्त पशु 7–9 महीने के गर्भकाल में गर्भपात हो जाता है. ये रोग पशुशाला में बड़े पैमाने पर फैलता है तथा पशुओं में गर्भपात हो जाता है. एक बार संक्रमित हो जाने पर पशु जीवन काल तक इस जीवाणु को अपने दूध तथा गर्भाश्य के स्त्राव में निकालता है. जिससे भारी आर्थिक हानि होती है.
ब्रुसिलोसिस बीमारी के मुख्य लक्षण
पशुओं में गर्भावस्था की अंतिम तिमाही में गर्भपात होना इस रोग का प्रमुख लक्षण है. पशुओं में जेर का रूकना एवं गर्भाशय की सूजन एवं नर पशुओं में अंडकोष की सूजन इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं. इसके अलावा रोग के लक्षणों में बुखार, गर्भावस्था के अंतिम चरण में गर्भपात होना, बांझपन, हीट में देरी, लैकेटेशन में बाधा, जिसके परिणामस्वरूप बछियों की हानि होती है और दूध उत्पादन में कमी होती है.
इसका उपचार
टीकाकरण द्वारा गौ-भैंस वंशीय पशुओं में ब्रुसिलोसिस बीमारी रोकी जा सकती है. मादा गौ-भैंस वंशीय बछियों में 4-8 महीने की उम्र के जीवन काल में एक बार टीकाकारण करके ब्रुसिलोसिस बीमारी का नियंत्रण किया जा सकता है.
अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें
बुर्सिलोसिस बीमारी के टीकाकरण कार्यक्रम सम्बन्धी किसी भी तरह की जानकारी के लिए किसान भाई जिले के उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं निकटतम पशु चिकित्सा संस्था, पशु पालन विभाग के अधिकारी – कर्मचारी से संपर्क कर सकते हैं. वहां से आपको सभी जानकारी मिल जाएगी.