किसान उत्पादक संगठन (FPO) किसानों का समूह होता है, जो किसानों के हित में काम करता है. बता दें कि सभी FPO कंपनी एक्ट के अंतर्गत रजिस्टर्ड होते हैं. FPO को लेकर सरकार भी कई योजनाएं चला रही है. FPO का मुख्य मकसद किसानों को मजबूत करना और उन्हें आगे बढ़ाना है.
एफपीओ कृषि के विकास में प्रमुख भूमिका निभा रहा है. कृषि को आत्मनिर्भर में बदलने के लिए एफपीओ का प्रचार और निर्माण पहला कदम है और इसमें महिलाओं की भागीदारी भी बेहद जरूरी है.
इसी कड़ी में एफपीओ-हुलसूर महिला किसान मिलेट्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, किसानों की आय बढ़ाने में अहम योगदान दे रही है.
इस एफपीओ ने कर्नाटक के हुलसुर ब्लॉक के किसानों की आजीविका में काफी बदलाव लाया है. एफपीओ में शामिल होने से पहले, किसान पारंपरिक खेती के तरीकों का उपयोग करके विभिन्न फसलों की पारंपरिक किस्मों की खेती कर रहे थे.
इस एफपीओ ने बाजरा को नई फसल के रूप में पेश किया है. एफपीओ के पास अपनी खुद की इनपुट यूनिट है, जहां सदस्य रियायती कीमतों पर उन्नत बीज, उर्वरक और अन्य इनपुट खरीद सकते हैं.
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एफपीओ का एक कस्टम भर्ती केंद्र भी है, जहां किसानों के लिए कृषि मशीनरी उपलब्ध है. यह एफपीओ फसल की खेती की तकनीकों में सिद्ध हुआ है और औसत फसल उपज वाले किसानों के लिए अच्छी कृषि पद्धतियों में 30-50% की वृद्धि हुई है.
ऐसे क्लस्टर आधारित व्यावसायिक संगठन की भूमिका से किसान उत्पादक संगठन को मजबूत करने में मदद मिलेगी. एफपीओ सिर्फ एक कंपनी नहीं बल्कि किसानों के लाभ के लिए एक सामूहिक संगठन है, इसलिए अधिक से अधिक किसानों को एफपीओ से कैसे जोड़ा जाए, इस दिशा में काम करने की जरूरत है.