मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में 15 फरवरी के दिन G20 अध्यक्षता (G20 Presidency) के तहत कृषि कार्य समूह (AWG) की पहली कृषि प्रतिनिधि बैठक (ADM) समाप्त हो चुकी है. वहीं अब मध्य प्रदेश के खजुराहो में G20 की संस्कृति कार्य समूह (सीडब्ल्यूजी) की पहली बैठक का आयोजन किया जाएघा. यह कार्यक्रम 22 फरवरी से शुरू होकर 25 फरवरी, 2023 तक जारी रहेगा.
इस संदर्भ में संस्कृति सचिव गोविंद मोहन ने कहा कि , “भारत संस्कृति में इतना समृद्ध और विविधता भरा है कि ये सांस्कृतिक जुड़ाव अपना एक अलग ही महत्व हासिल कर लेता है. जी-20 की व्यापक थीम "वसुधैव कुटुम्बकम"- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' है. संस्कृति मंत्रालय ने भारत की जी-20 की थीम "वसुधैव कुटुम्बकम" से प्रेरित सांस्कृतिक परियोजनाओं का एक मजबूत कार्यक्रम विकसित किया है. संस्कृति सचिव ने आगे बताया कि भारत का जी-20 संस्कृति ट्रैक 'कल्चर फॉर लाइफ' के विचार पर आधारित है- यानी सतत जीवन के लिए एक अभियान के तौर पर पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवनशैली.
इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे यह मंत्री
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जी-20 (G-20) की इस संस्कृति कार्यसमूह की चार बैठकें आय़ोजित होंगी. जोकि खजुराहो, भुवनेश्वर, हम्पी में होंगी और आखिरी स्थल तय किया जाना बाकि है. उन्होंने ये भी बताया कि खजुराहो के लिए थीम है- "सांस्कृतिक संपदा का संरक्षण और बहाली." संस्कृति सचिव ने कहा, “खजुराहो में सांस्कृतिक कार्यसमूह की इस बैठक में एक प्रदर्शनी भी आयोजित होगी जो महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित की जाएगी. इसका उद्घाटन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान (Chief Minister Shivraj Chouhan) के साथ केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री जी किशन रेड्डी करेंगे.”
गोविंद मोहन ने बताया कि इस अवसर पर खजुराहो नृत्य महोत्सव सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा. यहां आने वाले प्रतिनिधि पश्चिमी समूह के मंदिरों का भी दौरा करेंगे, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है. उन्हें पन्ना टाइगर रिजर्व भी ले जाया जाएगा. इस बैठक में 125 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे.
खजुराहो के बारे में...
बता दें कि खजुराहो एक प्राचीन शहर है जो अपने भव्य मंदिरों और विस्तृत मूर्तियों के लिए बहुत प्रसिद्ध है. यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल के तौर पर ख्यात खजुराहो समूह के स्मारकों का निर्माण चंदेल राजवंश द्वारा 950-1050 ईस्वी के बीच करवाया गया था. बेहद बारीक और विस्तृत कारीगरी वाली मूर्तियों से अलंकृत नागर शैली की इस वास्तुकला का सौंदर्य उस समय की सामाजिक-सांस्कृतिक प्रथाओं से परिचय करवाता है. ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार, 12वीं शताब्दी ईस्वी में खजुराहो में मंदिर स्थल में 85 मंदिर थे, जो 20 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए थे. हालांकि, आज इनमें से केवल 25 मंदिर ही बचे हैं, जो 6 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं.
कार्यक्रम में लगेंगी यह प्रदर्शनी
बताया जा रहा है कि इस बैठक के एक भाग के रूप में महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर (एमसीसीसी) में "री (अ) ड्रेस: रिटर्न ऑफ ट्रेजर्स" शीर्षक से एक प्रदर्शनी लगेगी. सीडब्ल्यूजी भारत के चार ऐतिहासिक शहरों में चार बैठकों के माध्यम से विकसित होगा और चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर जी-20 संवाद को आगे बढ़ाएगा. भारत का सीडब्ल्यूजी वैश्विक मंच पर एक प्रमुख विषय के रूप में संस्कृति के उद्भव को प्रतिबिंबित करेगा. ये सभी स्तरों पर बहुपक्षीय और बहु-सांस्कृतिक सहयोग को नवीनीकृत करने के लिए 'संस्कृति' को अपनाएगा और इस आदर्श को आगे बढ़ाने और भविष्य की वैश्विक सांस्कृतिक नीतियों और पहलों को सूचित करने का लक्ष्य रखेगा.
भारत के सीडब्ल्यूजी के चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सांस्कृतिक संपदा का संरक्षण और पुनर्स्थापन; सतत भविष्य के लिए लिविंग हेरिटेज का उपयोग; सांस्कृतिक व रचनात्मक उद्योगों और रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना; संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाना शामिल है. इन प्राथमिकताओं को लेकर आगे भी जुड़ने के लिए सीडब्ल्यूजी ने सांस्कृतिक परियोजनाओं जैसे प्रदर्शनियों, इमर्सिव अनुभवों, संगोष्ठियों, सेमिनारों, आर्ट रेज़ीडेंसी, कार्यशालाओं, प्रकाशनों आदि का एक साल भर चलने वाला दमदार कार्यक्रम भी विकसित किया है.