देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. जिस वजह से भारत सरकार भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए बेहतरीन सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है.
देखा जाए तो साल 2023 तक भारत में हर एक तीसरी नई गाड़ी इलेक्ट्रिक हो सकती है. क्योंकि लोगों का भरोसा अब पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों के मुकाबले इलेक्ट्रिक गाड़ियों (electric vehicle) की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. यह वाहन लोगों के लिए बेहद किफायती और पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है.
साल 2050 तक इलेक्ट्रिक गाड़ियों की 75% हिस्सेदारी (75% share of electric vehicles by 2050)
एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2030 तक देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की हिस्सेदारी लगभग 30 प्रतिशत तक पहुंच सकती है और फिर साल 2050 तक यह हिस्सेदारी 75 प्रतिशत तक पहुंच सकती है. यह भी माना जा रहा है कि देश में दोपहिया वाहनों की बिक्री में भी बढ़ोतरी हो सकती है. जैसे कि साल 2030 तक दोपहिया वाहनों में 50 प्रतिशत तक वृद्धि होगी.
सरकार ने ईवी चार्जिंग स्टेशन को दी मंजूरी (Government approves EV charging stations)
इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग (demand for electric vehicles) को देखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले सप्ताह राज्यसभा में कहा था कि लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अब तक देशभर में कई ईवी चार्जिंग स्टेशन (EV Charging Station) को मंजूरी दी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अब तक 13 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को रजिस्टर किया गया है. इसके अलावा उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया है कि आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप में अब तक इलेक्ट्रिक रजिस्टर्ड वाहन की लिस्ट में शामिल नहीं हुए हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ लोगों के रुख को देखते हुए भारत सरकार ने एक योजना भी बनाई है. सरकार की फेम-2 योजना के अनुसार, 68 शहरों में कुल 2,877 सार्वजनिक इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन आवंटित किए जा चुके हैं और साथ ही लोगों की सुविधा के लिए सरकार ने 9 एक्सप्रेसवे और 16 हाईवे के किनारे 1,576 ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए भी मंजूरी दे दी है.