अगले 2 दिन इन राज्यों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना, पढ़ें आईएमडी की लेटेस्ट रिपोर्ट! खेती को बनाए आसान, वीएसटी 165 DI ES इलेक्ट्रिक स्टार्ट पावर टिलर इस्तेमाल कर कम लागत में करें ज्यादा काम! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 10 December, 2021 12:33 PM IST
No shortage of Urea

जहां किसान एक तरफ एमएसपी (MSP) को लेकर चिंतित है वहीं दूसरी और वो यूरिया (Urea) की किल्लत को लेकर परेशान है. इस के चलते केंद्र सरकार (Central Government) ने राहत भरी खबर दी है. जी हां, उर्वरकों की कम आपूर्ति के बारे में कई राज्यों की शिकायतों के बीच, केंद्र ने कहा कि देश में चल रहे रबी सीजन 2021-22 के दौरान आवश्यक उर्वरकों की कोई गंभीर कमी नहीं है.

लोकसभा में रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया (Chemicals and Fertilizers Minister MansukhMandaviya) ने कहा कि हालांकि कुछ राज्यों ने डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) उर्वरकों की कमी को उजागर किया है, विशेष रूप से कुछ जिलों में, सरकार ने चालू रबी (सर्दियों की बुवाई) के मौसम के दौरान आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त आपूर्ति की है.

53 हज़ार उतरे यूरिया के बैग (53 thousand bags of urea landed)

वहीं यूरिया खाद (urea fertilizer) का रैक हरियाणा के जींद जिला में पहुंचा है. बताया जा रहा है कि उसमें कृषक भारती को-ऑपरेटिव लिमिटेड (कृभको) के करीब 53 हजार बैग हैं. अब तक जिले में रबी सीजन (Rabi Season) के लिए 37,700 टन यूरिया जिले में पहुंच चुका है.

वहीं, कृषि विभाग का दावा है कि लगातार यूरिया के रैक आ रहे हैं और जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है. बता दें कि कल से अब तक 5200 मीट्रिक टन यूरिया का स्टाक जिले में बचा हुआ था.

किसानों के बीच फैला डर (Fear spread among farmers)

दूसरी तरफ किसानों को अंदेशा है कि कहीं डीएपी की ही तरह यूरिया के लिए भी उन्हें लाइनों में ना लगना पड़े. इसी चक्कर में किसान पूरे सीजन के लिए यूरिया खाद एक साथ में ही खरीद रहे हैं. रबी सीजन में सबसे ज्यादा डिमांड यूरिया का गेहूं की फसल में होता है. गेहूं की बिजाई के बाद सिंचाई (Wheat growing) के दौरान किसान यूरिया डालते हैं. एक बार में लगभग एक बैग यूरिया डाला जाता है.

खाद डीलरों के मुताबिक "यूरिया खाद की कोई कमी नहीं है. लगातार खाद के रैक आ रहा हैं. किसान किसी के बहकावे में ना आएं. जितनी खाद की जरूरत है, उतनी ही खरीदें."

यह भी पढ़ें: इफको ने लॉन्च किया नैनो यूरिया तरल, जानें- कीमत, फायदे और फसलों पर प्रभाव

डीएपी की मांग (DAP demand)

कर्नाटका के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Karnataka Chief Minister BasavarajBommai) ने भी केंद्रीय उर्वरक मंत्री से मुलाकात की और उनसे डीएपी की आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध किया है. वहीं सरकार ने कहा कि रबी सीजन 2021-21 (1 अक्टूबर से 29 नवंबर) के दौरान, 34.65 लाख टन की डीएपी आवश्यकता के मुकाबले उर्वरक विभाग ने राज्यों को 36.60 लाख टन की उपलब्धता सुनिश्चित की है.

एमआरपी पर बिकता है यूरिया (Urea is sold at MRP)

देश भर के सभी किसानों को एक वैधानिक अधिसूचित अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) पर यूरिया प्रदान किया जाता है. और यूरिया के 45 किलोग्राम बैग का एमआरपी 242 रुपये प्रति बैग है (नीम कोटिंग और लागू करों के लिए शुल्क को छोड़कर).

English Summary: Farmers will no longer have to face shortage of urea
Published on: 10 December 2021, 12:37 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now