सरकार किसानों की आर्थिक तौर पर मदद करने के लिए अपने कई योजनाओं में समय-समय पर बदलाव करती रहती है. इसके अलावा सरकार ऐसी बेहतरीन योजनाएं भी बनाती रहती है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ सके. इसी क्रम में सरकार की आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों में इस बार 3396.650 टन रासायनिक खाद भंडारण है. इतना भंडारण होने पर भी किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर बेचने पर पंजीकृत आनाकानी कर रहे हैं.
किसान खाद को नहीं खरीद रहे
आपको बता दें कि फरवरी से 15 जून तक देश के किसान खाद को नहीं खरीद रहे हैं, जिससे उन्हें हानि का सामना करना पड़ता हैं. वहीं जिला विपणन विभाग को वर्ष 2022-23 में 9100 टन रासायनिक खाद की बिक्री करने का टारगेट दिया गया है. जिसमें से उन्हें 5779.490 टन मिल चुका है. देखा जाए, तो प्रारंभिक स्टॉक में 6014.790 टन रासायनिक खाद का आवंटित किया गया है. इसके अलावा जिला विपणन विभाग (marketing department) के द्वारा 3369.650 टन खाद विभिन्न समितियों को भी भेज दिया गया है. साथ ही समितियों के पास पहले से ही 2645.140 टन स्टॉक रखा हुआ है.
एडवांस लिफ्टिंग स्कीम का लाभ (Advantages of Advance Lifting Scheme)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एडवांस लिफ्टिंग के लिए तय किए गए समय तक रासायनिक खाद (chemical fertilizer) को लेने पर जीरो प्रतिशत तक ब्याज का भुगतान देना पड़ता है और अगर वहीं आप इस खाद को समय के बाद लेते हैं, तो आपको 4 प्रतिशत तक ब्याज का भुगतान करना होता है, लेकिन समय पर रासायनिक खाद लेने पर भी किसानों को जीरो प्रतिशत एडवांस लिफ्टिंग स्कीम का लाभ नहीं मिल रहा है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह पता चला है, कि देश के ज्यादातर किसानों को एडवांस लिफ्टिंग स्कीम की सही जानकारी के अभाव ना होने से हर साल 4 प्रतिशत तक ब्याज पर रासायनिक खाद को खरीद रहे हैं.
रासायनिक खाद पर जीरो प्रतिशत ब्याज
एडवांस लिफ्टिंग स्कीम (Advance Lifting Scheme) के द्वारा समय पर खाद को खरीदने पर किसानों को जीरो फीसदी ब्याज देना होता है, लेकिन इस बात की जानकारी ग्रामीण किसानों को बहुत ही कम पता होती हैं. जिसका फायदा सीधा पंजीकृत रासायनिक खाद मालिकों को मिलता है.
रासायनिक खाद के कोटे में कटौती
सूत्रों के अनुसार साल 2021-22 में रासायनिक खाद को 11001 टन टारगेट पर बिक्री करने को मिला था. लेकिन फिर साल 2022-23 में वर्मी कंपोस्ट (vermi compost) की बिक्री के साथ रासायनिक खाद के कोटे में कटौती कर दी गई. इस तरह से जिले में इस साल लगभग 9100 टन रासायनिक खाद प्राप्त हुई.