Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 28 December, 2020 3:40 PM IST
Fisheries

भारत में मछली पालन का व्यवसाय काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस व्यवसाय से करोड़ों लोग अपनी आजीविका के लिए जुड़े हुए हैं और इससे काफी अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. इसी कड़ी में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर (Chandrashekhar Azad University of Agriculture and Technology, Kanpur) के इटावा परिसर स्थित मत्स्य प्रोद्यौगिकी महाविद्यालय एवं रिसर्च सेंटर की तरफ से एक अहम पहल की गई है.

दरअसल, मत्स्य महाविद्यालय की तरफ से रंगीन मछलियों पर शोध कार्य किए जा रहे हैं. इन रंगीन मछलियों के संवर्धन का प्रशिक्षण किसानों को भी दिया जाएगा. इससे किसान स्वावलंबी बन सकें, साथ ही उनकी आमदनी भी बढ़ पाएगी.

आपको बता दें कि बीते दिनों कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने दौरा किया था. इसके बाद यह अहम फैसला लेकर महाविद्यालय के तालाबों में ऑर्नामेंटल फिश कल्चर का कार्य किया जा रहा है. वैसे कोरोना काल से ही विश्वविद्यालय द्वारा ऑर्नामेंटल फिश कल्चर की गतिविधियां चलाई जा रहीं हैं.

तालाब में हैं कई रंगीन मछलियां

मत्स्य महाविद्यालय के तालाब में लगभग 150 से 200 ग्राम तक की लाल, नीली, पीली, सफेद, हरी रंग की मछलियां विचरण करती देखी गई हैं. इन मछलियों में मुख्यत दो नस्लों की मछलियों का संवर्धन किया जा रहा है. इनमें से एक चाइनीज कोई कॉरप है, और दूसरी जपनीज कोई कॉरप प्रजाति की हैं. इनका प्रजनन जुलाई अगस्त में कराया गया था. इनके बच्चे भी दिखाई दे रहे हैं.

किसानों को जोड़ा जाएगा

कृषि मंत्री के निर्देश के बाद महाविद्यालय प्रशासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि इन मछलियों का प्रजनन वृहद स्केल पर कराया जाएगा. इसके साथ ही ऑर्नामेंटल फिश कल्चर को किसानों से जोड़ा जाएगा. इस पर स्टार्टअप के माध्यम से प्रोजेक्ट बनाने पर कार्य किया जा रहा है. इसके अलावा मत्स्य पुरुष एवं महिला किसानों को प्रशिक्षण देने का भी कार्य किया जाएगा.

English Summary: Farmers will get training for promotion of colored fish
Published on: 28 December 2020, 03:44 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now