किसानों के लिए फसलों की खेती करने से पहले मिट्टी का परीक्षण करना आवश्य़क है. इससे जानकारी मिल पाती है कि उन्हें खेत में कौन-कौन सा उर्वरक कितनी मात्रा में डालना है. इसी संबंध में किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. दरअसल, केंद्र सरकार के अधीन आने वाली कंपनी नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (National Fertilizers Limited) ने मोबाइल मृदा परीक्षण प्रयोगशाला (Mobile Soil Testing Lab) तैयार की है. इस प्रयोगशाला द्वारा खादों के उचित उपयोग को प्रोत्साहन दिया जाएगा.
क्या है मोबाइल मृदा परीक्षण प्रयोगशाला
यह प्रयोगशाला हर एक गांव में जाकर किसानों के खेत की जांच करेगी. इसके लिए आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जाएगा. ये मोबाइल प्रयोगशालाएं मिट्टी का समग्र और सूक्ष्म पोषक तत्व विश्लेषण करेगी. इनमें जरिए किसानों को कृषि संबंधी विषयों पर जानकारी देने के लिए ऑडियो-वीडियो सिस्टम भी मौजूद रहेगा. अभी ऐसी 5 मोबाइल मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को तैयार किया गया है.
मोदी सरकार का लक्ष्य
मोदी सरकार (Modi Government) का लक्ष्य है कि किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच पर अधिक जोर दिया जाए. इसके साथ ही किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का लाभ अधिक पहुंचाया जाए, जिससे किसान अपने खेतों की सेहत का पता लगा सके. कई बार किसानों को खाद संबंधी अच्छी जानकारी नहीं होती है और खेतों में खाद डालते रहते हैं, जिनकी जरूरत भी नहीं होती है. इससे फसल की लागत बढ़ जाती है, साथ ही खेत की उर्वरा शक्ति भी खत्म होने लगती है
साल 2019-20 में मुफ्त जांच
देश में कई जगह एनएफएल ने मोबाइल लैब के अलावा मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं के जरिए किसानों को सेवाएं उपलब्ध कराई हैं. इनके जरिए साल 2019-20 में मुफ्त में करीब 25 हजार मिट्टी के नमूनों की जांच की थी. पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि किसानों की अज्ञानता के कारण खादों का असंतुलित उपयोग हो रहा है. इससे किसानों की भूमि भी बंजर हो रही है, मोदी सरकार द्वाररा यह अहम कदम उठाया गया है. सरकार का पूरा प्रयास है कि अधिकतर खेतों की मिट्टी की जांच हो पाए, ताकि खाद का भी संतुलित उपयोग हो.
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