Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 29 November, 2021 4:15 PM IST
Urea

इस समय लगभग सभी राज्यों के किसान रबी फसलों की बुवाई का कार्य कर रहे हैं. मगर इस समय एक समस्या हर किसान भाई को परेशान कर रही है और वो खाद की कमी है. जी हां, देश के लगभग सभी राज्यों के किसान खाद की कमी की वजह से एक बड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं. इसके चलते एक खबर मध्य प्रदेश के भोपाल के आष्टा से आ रही है.

दरअसल, विकासखंड में इस समय क्षेत्र में बुवाई का कार्य पूरा हो चुका है. इसे देखते हुए किसानों को यूरिया, डीएपी, एनपीके समेत अन्य खाद की जरूरत पड़ रही है. इसके साथ ही एक पानी फसलों में दिया जा चुका है, तो वहीं दूसरा पानी देने की तैयारी की जा रही है, जिससे पहले किसानों को यूरिया की आवश्यकता लग रही है, लेकिन शासन स्तर से खाद की मांग की पूर्ति नहीं हो पा रही है.

इतना ही नहीं, किसानों में खासकर यूरिया के लिए हड़बड़ी मची हुई है. इसके चलते किसान रैक लगने भर की सूचना पर ही किसानों की भीड़ लगना शुरू हो जाता है. इस बीच कृषि विभाग का दावा है कि क्षेत्र में किसानों के बीच यूरिया की पूर्ति जल्दी ही पूरी हो जाएगी.

आपको बता दें कि इस बार अच्छी बारिश होने की वजह से विकासखंड में किसानों ने एक साथ बुवाई का कार्य किया था. किसानों का कहना है कि जो किसान एक महीने पहले गेहूं की बुवाई कर चुके हैं, उन्होंने फसलों में सिंचाई करना शुरू कर दिया है, इसलिए यूरिया खाद की जरूरत लगने लगी है. वहीं, समिति द्वारा खातेदार किसानों को ही खाद दिया जा रहा है.

ये खबर भी पढ़ें: खुशखबरी! DAP की कमी से परेशान किसानों के लिए राहत, केंद्र से 1 लाख टन खाद देने का अनुरोध

अब हालत यह है कि समिति में यूरिया खाद आने की खबर से ही किसानों की भीड़ लग जाती है. ऐसे में किसानों का कहना है कि अगर समय रहते यूरिया नहीं मिला, तो इसका सीधा असर फसल उत्पादन पर पड़ेगा. जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक क्षेत्र में 97 प्रतिशत बुवाई का कार्य हो चुका है. 

कृषि विभाग द्वारा रबी का रकबा 95 हजार 164 हेक्टेयर तय किया गया था, जिसमें से 94 हजार 430 हेक्टेयर में बुवाई कार्य हो चुका है. इसके साथ ही कृषि विभाग ने विकासखंड के लिए 11 मैट्रिक टन की डिमांड भेजी है. मगर अभी तक 7 टन ही खाद आ सका है.

English Summary: Farmers upset due to shortage of urea
Published on: 29 November 2021, 04:18 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now