इस समय लगभग सभी राज्यों के किसान रबी फसलों की बुवाई का कार्य कर रहे हैं. मगर इस समय एक समस्या हर किसान भाई को परेशान कर रही है और वो खाद की कमी है. जी हां, देश के लगभग सभी राज्यों के किसान खाद की कमी की वजह से एक बड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं. इसके चलते एक खबर मध्य प्रदेश के भोपाल के आष्टा से आ रही है.
दरअसल, विकासखंड में इस समय क्षेत्र में बुवाई का कार्य पूरा हो चुका है. इसे देखते हुए किसानों को यूरिया, डीएपी, एनपीके समेत अन्य खाद की जरूरत पड़ रही है. इसके साथ ही एक पानी फसलों में दिया जा चुका है, तो वहीं दूसरा पानी देने की तैयारी की जा रही है, जिससे पहले किसानों को यूरिया की आवश्यकता लग रही है, लेकिन शासन स्तर से खाद की मांग की पूर्ति नहीं हो पा रही है.
इतना ही नहीं, किसानों में खासकर यूरिया के लिए हड़बड़ी मची हुई है. इसके चलते किसान रैक लगने भर की सूचना पर ही किसानों की भीड़ लगना शुरू हो जाता है. इस बीच कृषि विभाग का दावा है कि क्षेत्र में किसानों के बीच यूरिया की पूर्ति जल्दी ही पूरी हो जाएगी.
आपको बता दें कि इस बार अच्छी बारिश होने की वजह से विकासखंड में किसानों ने एक साथ बुवाई का कार्य किया था. किसानों का कहना है कि जो किसान एक महीने पहले गेहूं की बुवाई कर चुके हैं, उन्होंने फसलों में सिंचाई करना शुरू कर दिया है, इसलिए यूरिया खाद की जरूरत लगने लगी है. वहीं, समिति द्वारा खातेदार किसानों को ही खाद दिया जा रहा है.
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अब हालत यह है कि समिति में यूरिया खाद आने की खबर से ही किसानों की भीड़ लग जाती है. ऐसे में किसानों का कहना है कि अगर समय रहते यूरिया नहीं मिला, तो इसका सीधा असर फसल उत्पादन पर पड़ेगा. जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक क्षेत्र में 97 प्रतिशत बुवाई का कार्य हो चुका है.
कृषि विभाग द्वारा रबी का रकबा 95 हजार 164 हेक्टेयर तय किया गया था, जिसमें से 94 हजार 430 हेक्टेयर में बुवाई कार्य हो चुका है. इसके साथ ही कृषि विभाग ने विकासखंड के लिए 11 मैट्रिक टन की डिमांड भेजी है. मगर अभी तक 7 टन ही खाद आ सका है.