देश को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाना बहुत जरूरी है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया है. अब 25 मार्च से 14 अप्रैल तक देश बंद रहेगा. इस बंदी से कारोबारी गतिविधियां काफी प्रभावित हो रही हैं. इसके अलावा किसान की खेतीबाड़ी पर भी भारी संकट मंडरा रहा है. बता दें कि इसका सबसे ज्यादा असर गेहूं की फसल को होने वाला है.
सरकरी अनुमान के मुताबिक...
अगर सरकार के अनुमान की बात करें, तो इस बार रबी सीजन में लगभग 10.5 करोड़ टन गेहूं की पैदावार होने का अनुमान है. अब मुसीबत यह है कि कोरोना वायरस के संकट से देशभर में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है. इसके चलते किसानों को फसल की कटाई करने के लिए भी मना किया गया है.
किसान का भारी नुकसान
यह समय फसल काटई का है. अगर गेहूं की फसल को समय पर नहीं काटा गया, तो किसानों को इससे भारी नुकसान हो सकता है. इससे किसानों की चिंता काफी बढ़ गई है. एक तरफ कुछ दिन पहले किसानों ने मौसम की मार झेली है, तो वहीं दूसरी तरफ किसान अब फसल की कटाई नहीं कर सकता है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का भी लाभ नहीं
संकट की बात है कि किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से भी कोई राहत नहीं मिल पाएगी, क्योंकि इस योजना में इस तरह का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है. बता दें कि इस योजना में खड़ी फसल को न काटने को लेकर कोई नियम नहीं है. इसके सभी नियम फसल में कीड़े लगने, प्राकृति आपदा जैसी स्थिति पर लागू होते हैं.
आलू की फसल को नुकसान
आलू की फसल में पहसे से ही समस्या आ रही है कि कोरोना संकट की वजह से आलू की खोदाई के लिए किसानों को मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं. ऐसे में सरकार द्वारा लगाया गया कर्फ्यू एक बड़ी मुशीबत खड़ी कर सकता है.
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