देश की मोदी सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य तय किया है. हाल ही में अब बजट 2021-22 भी पेश होने वाला है. ऐसे में किसानों को इस बजट (Budget 2021-22) से काफी उम्मीदें हैं. उनका मानना है कि सरकार इस बजट में किसानों के लिए कुछ खास लेकर आएगी. इसको ध्यान में रखते हुए माना जा रहा है कि कृषि ऋण का लक्ष्य 2021-22 के बजट में बढ़ाकर करीब 19 लाख करोड़ रुपए हो सकता है.
2020-21 के बजट में की घोषणा
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो अगले वित्त वर्ष का बजट 1 फरवरी (Budget 2021-22) को पेश होगा. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य 15 लाख करोड़ रुपए रखा है. सूत्रों का कहना है कि हर साल सरकार कृषि क्षेत्र के लिए कर्ज का लक्ष्य बढ़ाती रही है. इस बार भी 2021-22 के लिए लक्ष्य को बढ़ाकर करीब 19 लाख करोड़ रुपए किया जा सकता है.
आपको बता दें कि बजट 2020-21 को पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि कृषि क्षेत्र को कर्ज देने के मामले में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) और सहकारी बैंक सक्रिय रहे हैं. इसके साथ ही राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) पुनर्वित्त योजना का आगे और विस्तार होगा. इसके अलावा वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कृषि कर्ज का लक्ष्य 15 लाख करोड़ रुपए रखा गया है.
कृषि कर्ज प्रवाह में वृद्धि
मीडिया रिपोर्ट्स को देखा जाए, तो कृषि कर्ज प्रवाह में साल-दर-साल वृद्धि हुई है, जो भी लक्ष्य तय किए गए, उस ऋण वितरण अधिक ही रहा है. जैसे साल 2017-18 में किसानों को 11.68 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया, जबकि इसका लक्ष्य 10 लाख करोड़ रुपए का था. इसी तरह साल 2016-17 में 10.66 लाख करोड़ रुपए का फसल ऋण दिया गया, जो कि 9 लाख करोड़ रुपए से अधिक का था.
सरकार उपलब्ध कराती है ब्याज सहायता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसानों को कर्ज सुलभ होने पर महाजनों और सूदखोर जैसे गैर-संस्थागत स्रोतों से कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ती, साथ ही न अधिक ब्याज चुकाना पड़ता है. सामान्य तौर पर कृषि ऋण पर 9 प्रतिशत ब्याज रहता है, लेकिन सरकार की तरफ से ब्याज सहायता उपलब्ध कराई जाती है, ताकि किसानों को खेती करने के लिए ऋण सस्ती दरों पर उपलब्ध हो सके.
इसके साथ ही कृषि उत्पादन को बढ़ावा सके. इसके अलावा सरकार किसानों को 2 प्रतिशत ब्याज सहायता देती है, ताकि उन्हें छोटी अवधि के लिए 3 लाख रुपए तक का कर्ज 7 प्रतिशत ब्याज पर मिल सके. इतना ही नहीं, उन किसानों को 3 प्रतिशत की सहायता दी जाती है, जो किसान कर्ज का भुगतान समय पर करते हैं.