Har Ghar Tiranga अभियान के तहत कृषि जागरण लगातार कृषि परिवार और जाने माने जगत से लोगों को इससे जोड़ने का काम कर रहा है. ऐसे में कृषि जागरण चौपाल में पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ रविकांत मेडिथि ने शिरकत की, जो कि किसान के बेटे हैं.
इस ख़ास मौके पर उन्होंने अपने संघर्षों को सभी के साथ साझा करते हुए कहा, मेरी यात्रा कठिन बाधाओं और संघर्षों से भरी हुई थी. इस जगह पर पहुंचने के लिए मुझे नेविगेट करना पड़ा. बता दें कि डॉ रविकांत मेडिथि एक विनम्र स्वभाव के व्यक्ति हैं, जिनका जीवन में एक आदर्श वाक्य है 'प्रकाश जीना और प्रकाश देना'.
अपने जीवन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा- “मैं धान के खुले खेतों में पला-बढ़ा हूं. एक किसान के बेटे के रूप में मैंने किसान समुदाय का शोषण देखा है. किसानों की कमाई का एक बड़ा हिस्सा बिचौलिए को खाते देखा है. इसके बाद चूहों जैसे कीट आते हैं, जो भंडारण में रखे जाने पर चावल को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे चावल की कीमत और कम हो जाती है.
मुझे यकीन है कि कृषि जागरण इन ज्वलंत किसान मुद्दों को आगे लेकर आएगा और किसानों की मदद करेगा. बता दें कि उन्होंने अब तक 37 देशों के 64 शहरों की यात्रा कर ली है. केरल कैडर के 1986 बैच में भारतीय प्रशासनिक सेवा का पद संभाल चुके हैं. इसके साथ ही आवास और शहरी विकास निगम लिमिटेड, या हुडको के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं. हुडको में उनके अनुकरणीय कार्य के लिए, डॉ मेडिथी को न्यूज़लिंक लीजेंड सीएमडी अवार्ड से सम्मानित किया गया है.
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डॉ मेडिथि का स्वागत करते हुए कृषि जागरण के प्रधान संपादक, एमसी डॉमिनिक ने कहा, “डॉ मेडिथि हमेशा से मेरे और कृषि जागरण के समर्थन के स्तंभ रहे हैं.
कृषि और कृषक समुदाय के प्रति उनके प्रेम ने हमें हमेशा प्रेरित किया है और आने वाले वर्षों में भी हमें प्रेरणा देते रहेंगे.”