Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 8 April, 2020 6:03 PM IST

आधुनिक समय में किसानों तक कृषि संबंधी जानकारी पहुंचाने के लिए तमाम मोबाइल ऐप और अन्य साधन हैं. इनके द्वारा किसान हर आधुनिक जानकारी प्राप्त कर सकता है. इस वक्त हमारा देश जिन हालातों से गुज़र रहा है, ये किसी से छिपा नहीं है. ऐसे में सरकार, बड़ी कंपनियां, बॉलीवुड स्टार समेत कई वर्ग के लोग सरकार की मदद कर रहे हैं. इस कड़ी में बिहार कृषि विश्वविद्यालय ने भी एक मिसाल कायम की है. दरअसल, इस वक्त बिहार कृषि विश्वविद्यालय का सामुदायिक रेडियो एफएम ग्रीन किसानों का बड़ा सहारा बना हुआ है. इसके जरिए किसानों को खेतीबाड़ी संबंधी नई जानकारी दी जाती है. इस रेडियो का प्रसारण भागलपुर और पटना से किया जाता है.    

किसानों को देता है खेती और कोरोना से जुड़ी जानकारी

90.8 एफएम ग्रीन पर मनोरंजन के प्रसारण का समय भी बढ़ा दिया गया है. इस पर किसानों को कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी दी जाती है. इसके साथ ही किसानों का मनोरंजन भी किया जाता है. इसके लिए रेडियो पर लोकगीतों का प्रसारण किया जाता है. इस कार्यक्रम का प्रसारण 12 घंटे किया जाता है. यह सुबह 10 से रात 10 बजे तक आता है. खास बात है कि लॉकडाउन की स्थिति में किसानों को कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सलाह भी दी जाती है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कृषि वैज्ञानिक घर बैठे ही किसानों को कोरोना और  कृषि संबंधी जानकारी देते हैं. उनका मानना है कि इस वक्त किसानों के पास टीवी और रेडियो ही उपलब्ध हैं, जिसके द्वारा किसान सूचना प्राप्त कर सकते हैं. किसान टीवी पर देश-दुनिया की सूचनाएं प्राप्त कर सकता है, लेकिन खेतीबाड़ी से जुड़ी जानाकारी नहीं ले सकता है.

किस तरह रेडियो पर कार्यक्रम का प्रसारण होता है?

रेडियो पर कार्यक्रम प्रसारण में समस्या हो रही थी, क्योंकि यहां काम करने वाले लोग अलग-अलग जगहों से आते हैं. ऐसे में एक योजना पर काम किया गया. इस योजना के तहत एक छोटे से एंटीना के जरिए स्टूडियो को रिमोट एक्सेस पर लिया गया. इसके बाद कुछ तकनीकी सामान से एक छोटे कमरे में स्टूडियो तैयार किया गया. अब वैज्ञानिक अपने घर से किसानों को जानकारी उपलब्ध कराते हैं.

आपको बता दें कि इस वक्त किसानों को रबी फसलों की कटाई और आने वाले सीजन की फसलों की बुवाई करना है. किसानों तक जरूरी सूचनाएं पहुंचाना बेहद जरूरी है. ऐसे में बिहार कृषि विश्वविद्यालय का सामुदायिक रेडियो एफएम ग्रीन किसानों का एक बड़ा सहारा बना हुआ है.

ये खबर भी पढ़ें: पीएम किसान योजना में FTO is Generated क्या है? किसान ज़रूर पढ़ें इसका मतलब

English Summary: farmers are getting information about farming and corona on radio
Published on: 08 April 2020, 06:05 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now