Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 14 February, 2020 3:10 PM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को भारत यात्रा पर आ रहे हैं. ऐसे में देश के किसानों की चिंता बढ़ गई है, वह इसलिए क्योंकि उन्हें डर है कि भारत और अमेरिका में कृषि क्षेत्र को लेकर कोई समझौता न हो जाए. जानकारी मिली है कि डोनाल्ड ट्रंप कृषि क्षेत्र के लिए कम आयात शुल्क पर व्यापार समझौते के लिए आ रहे हैं, जो किसानों के हित के विपरीत जा सकता है. ऐसे में देशभर के किसानों का अनुरोध है कि पीएम नरेंद्र मोदी से अमेरिका के साथ कृषि व्यापार समझौते को लेकर कोई हस्ताक्षर न करें.

किसान करेंगे प्रदर्शन

किसान संगठन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा का जमकर विरोध करने वाले हैं. वह आने वाली 17 फरवरी को एक उग्र प्रदर्शन करेंगे. बता दें कि यह प्रदर्शन यूपी, मध्यप्रदेश, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में होने वाला है. किसान बड़ी संख्या में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे, साथ ही ज्ञापन भी देंगे.

अमेरिका करना चाहता है व्यापार

जानकारी के मुताबिक, अमेरिका भारत में सेब,पिस्ता, दुग्ध, अखरोट, बादाम, सोयाबीन, गेहूं, मक्का, मुर्गी पालन और आम खपत वाली चीजों को न्यूनतम आयात शुल्क पर निर्यात करना चाहता है, लेकिन किसान संगठनों का कहना है कि अगर अमेरिका के साथ कोई समझौता होता है, तो यह किसानों के हक पर आघात करना माना जाएगा.

अमेरिका के लिए बड़ा बाजार है भारत

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध चल रहा है. ऐसे में अमेरिका में कृषि उत्पादन बढ़ रहा है और कृषि निर्यात घट रहा है, जिससे अमेरिका के कृषि क्षेत्र पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. बता दें कि अमेरिका का कृषि क्षेत्र निर्यात पर आधारित है. अब अमेरिका अपनी निर्यात आधारित खेती को बचाना चाहता है. इसके लिए वह नए बाजार की तालाश कर रहा है. यही मुख्य वजह है कि अमेरिका भारत के साथ कृषि क्षेत्र को लेकर समझौता करना चाहता है, क्योंकि वह भारत को एक बड़े बाजार के रूप में देखता है.  

क्या भारत पर अमेरिका दबाव बना रहा है?

जानकारी के मुताबिक, अमेरिका दबाव बना रहा है कि भारत कृषि क्षेत्र में लगभग 42 हजार करोड़ का आयात बहुत कम शुल्क पर करे, जबकि अमेरिका खुद विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization) के कृषि नियमों की अनदेखी करता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका अपने देश के किसानों के लिए डब्ल्यूटीओ (WTO) के नियमों के खिलाफ़ गया, अमेरिका ने साल 2014-15 में पहले 10 साल के लिए 966 अरब यूएस डॉलर की सब्सिडी दी, इसके बाद साल 2019-20 में 868 अरब यूएस डॉलर की सब्सिडी फिर जारी की.

ये खबर भी पढ़ें: Pan Card: अगर पैन कार्ड में हुई ये गलती, तो चुकाना पड़ेगा 10 हजार का जुर्माना

English Summary: farmers are disappointed about the india-us agriculture trade deal
Published on: 14 February 2020, 03:16 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now