RFOI Award 2025: UP के सफल किसान मनोहर सिंह चौहान को मिला RFOI अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित RFOI - First Runner-Up: सफल किसान लेखराम यादव को MFOI Awards 2025 में मिला RFOI-फर्स्ट रनर-अप अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित RFOI Award 2025: केरल के मैथ्यूकुट्टी टॉम को मिला RFOI Second Runner-Up Award, 18.62 करोड़ की सालाना आय से रचा इतिहास! Success Story: आलू की खेती में बढ़ी उपज और सुधरी मिट्टी, किसानों की पहली पसंद बना जायडेक्स का जैविक समाधान किसानों के लिए साकाटा सीड्स की उन्नत किस्में बनीं कमाई का नया पार्टनर, फसल हुई सुरक्षित और लाभ में भी हुआ इजाफा! Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 11 March, 2022 3:05 PM IST

भारतीय कृषि अनुसंधान संसथान द्वारा आयोजित कृषि विज्ञान मेला के दूसरे दिन भी देशभर से आये हजारों किसान ने मेले का लाभ लिया. मेले की प्रमुख थीम “तकनीकी ज्ञान से आत्म-निर्भर किसान” है. मेले में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के 100 से अधिक संस्थान, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अन्य संस्थान उन्नत तकनीकियों का प्रदर्शन 225 स्टॉल के माध्यम से कर रहे हैं. 

प्रथम दिवस देश के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे 12000-15000 किसानों ने विभिन्न संस्थानों एवं भा.कृ.अनु.स. नई दिल्ली के विभिन्न संभागों द्वारा विकसित किस्मों और प्रौद्योगिकियों की जानकारी ली, साथ ही जीवित प्रदर्शनी, मॉडल एवं किसान परामर्श सेवाओं का लाभ उठाया. मेले के प्रमुख आकर्षण हैं: स्मार्ट/डिजिटल कृषि, एग्री स्टार्टअप एवं किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), जैविक तथा प्राकृतिक खेती, संरक्षित खेती/ हाइड्रोपोनिक/ एरोपोनिक/ वर्टिकल खेती, कृषि उत्पादों के निर्यात, प्रोत्साहन सलाह केंद्र.

मेले में संस्थान द्वारा विकसित नवीन किस्मों की जानकारी दी जा रही है, वहीं पूसा संस्थान की अन्य नवोन्मेषी प्रौद्योगिकियां, जैसे कि सौर उर्जा संचालित ‘पूसा-फार्म सन फ्रिज; पूसा डीकंपोजर, पूसा संपूर्ण जैव-उर्वरक (नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटेशियम प्रदान करने वाला अनूठा तरल सूत्रीकरण) को भी प्रदर्शित किया गया है.

मेले के दूसरे दिन भी देश भर से लगभग 12000 किसानों ने भाग लिया एवं 1100 क्विंटल से अधिक पूसा बीज की किसानों द्वारा खरीद की गई. मेले के दूसरे दिन 4 तकनीकी सत्र हुए.  पहला सत्र "डिजिटल स्मार्ट कृषि" पर था जिसकी अध्यक्षता भा.कृ.अनु.प. के उपमहानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन) डॉ. एस. के. चौधरी, ने की. इस सत्र में श्री आशीष जंगले, (अध्यक्ष, परिशुद्ध खेती, महिंद्रा एंड महिंद्रा लि) ने “स्मार्ट कृषि के लिए स्वचालन एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता”, श्री अभिषेक बर्मन (सी.ई.ओ., जनरल एयरोनॉटिक्स प्रा.लि.) ने “फसल के उत्तम स्वास्थ्य हेतु ड्रोन प्रौद्योगिकी” तथा शुश्री राशि वर्मा (एगस्मार्टिक प्रा.लि.) ने “स्मार्ट सिंचाई के लिए आई.ओ.टी.एस” विषय पर विस्तृत जानकारी सांझा की। दूसरा सत्र “उच्च उत्पादकता एवं आय के लिए संरक्षित, वर्टीकल, हाइड्रोपोनिक एवं एरोपोनिक कृषि” पर था जिसकी अध्यक्षता भा.कृ.अनु.प. के उपमहानिदेशक (उद्यान विज्ञान), डॉ ए.के. सिंह ने की.

इस सत्र में पद्मश्री डॉ ब्रह्मा सिंह, पूर्व ओ.एस.डी. (बागवानी), राष्ट्रपति भवन एवं डॉ पीतम चंद्रा, पूर्व सहा. महानिदेशक (अभियांत्रिकी), भाकृअनुप, ने भी भाग लिया. इस सत्र में श्री शिवेंद्र सिंह (सी.ई.ओ, बार्टन एंड ब्रीज, गुरूग्राम) ने “वर्टिकल हाइड्रोपोनिक खेती से पूरे वर्ष उत्पादन” पर चर्चा की. साथ ही “संरक्षित खेती उद्यम एवं हाइड्रोपोनिक्स खेती के व्यवसाय मॉडल” पर दो प्रगतिशील किसान श्री गौरव कुमार एवं श्री अंकित शर्मा ने अपना अनुभव सांझा किया. तीसरा सत्र “समृद्धि के लिए कृषि निर्यात प्रोत्साहन” पर था जिसकी अध्यक्षता निदेशक, एपीडा, डॉ तरुण बजाज ने की.

इस सत्र में श्री नदीम सिद्दीकी (निर्यातक, अमरोहा, उत्तर प्रदेश) ने “आम का निर्यात: अवसर और चुनौतियाँ” एवं श्री विपिन गुप्ता (चेयरमैन, अल्फा मिल्क फूड्स, करनाल) ने “भारत से डेयरी निर्यात की क्षमता का दोहन” विषय पर विस्तृत चर्चा की.  श्री विनोद कौल (कार्यकारी निदेशक, अखिल भारतीय चावल निर्यातक संघ) ने भारत से “बासमती चावल का निर्यात में संभावनाएं” तथा डॉ. रितेश शर्मा (बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन) ने “बासमती निर्यात में चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ”, विषय पर जानकारी दी.

चौथा सत्र “जैविक एवं प्राकृतिक खेती” पर था जिसकी अध्यक्षता अपर आयुक्त (कृषि प्रसार एवं आई.एन.एम.), कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, डॉ वाई.आर. मीणा ने की. इस सत्र में श्री अशोक कुमार यादव (पूर्व निदेशक, राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र, गाजियाबाद) ने ‘सहभागिता गारंटी प्रणाली (पी.जी.एस.) द्वारा जैविक खेती का प्रमाणीकरण’एवं डॉ रीबा अब्राहम (सहायक महाप्रबंधक, जैविक उत्पाद, एपीडा, नई दिल्ली) ने ‘जैविक खेती में तृतीय पक्ष प्रमाणीकरण (थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन)’विषय पर विस्तृत चर्चा की. इस सत्र में पद्मश्री भारतभूषण त्यागी, प्रगतिशील कृषक, बुलंदशहर (उ.प्र.) एवं श्री श्यामबिहारी गुप्ता, प्रगतिशील कृषक, झांसी, (उ.प्र.) ने अपने अनभव सभी किसानों एवं वैज्ञानिकों के साथ सांझा किए. जैविक एवं प्राकृतिक खेती विषय पर किसान एवं वैज्ञानिक के साथ एक खास प्रश्न एवं उत्तर सत्र भी करवाया गया.

मेले में किसानों को बासमती चावल की झुलसा एवं झोंका रोग रोधी तीन किस्में पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1885, पूसा बासमती 1886 का बीज भी वितरित किया जा रहा है, ताकि वे इन नवीन क़िस्मों का बीज निर्माण स्वयं भी कर सकें। नई फसल किस्मों के लाइव प्रदर्शन, सब्जियों और फूलों की संरक्षित खेती के प्रदर्शन और भा.कृ.अनु.प. के संस्थानों तथा निजी कंपनियों द्वारा विकसित कृषि उपकरणों की प्रदर्शनी और बिक्री पर अपनी रुचि दिखाई. इसी तरह से, किसान उन्नत किस्मों के बीज और पौधों की बिक्री से काफी खुश थे. इसके अलावा कृषि उत्पादों और कृषि रसायनों का प्रदर्शन और बिक्री, नवोन्मेषी किसानों द्वारा विकसित उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री ने भी जनसमूह को आकर्षित किया.

English Summary: Farmers are benefiting from Pusa Krishi Mela 2022
Published on: 11 March 2022, 03:07 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now