आज हरियाणा के पीपली में सूरजमुखी को भावांतर भरपाई योजना व गिरफ्तार किसान नेताओं को बाहर निकालने की मांग को लेकर भव्य रैली का आयोजन किया गया है. देश के विभिन्न जगहों से किसान इस रैली में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं. दूसरी तरफ, स्थानीय प्रशासन ने किसानों की भीड़ को देखकर क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है. साथ ही, किसानों को रैली के लिए हिदायत भी दी है. माना जा रहा है कि रैली में 50 हजार से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं. जिनके लिए भंडारा का आयोजन किया गया है. वहीं, भव्य रैली को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. पीपली में जगह-जगह बेरिकेड्स लगा दिए हैं.
सरकार ने दी सफाई
दूसरी तरफ, किसानों का रवैया देखकर इस मामले में हरियाणा सरकार का पहली बार आधिकारिक बयान सामने आया है. सरकार ने इस मसले पर एक तरह से अपनी सफाई पेश की है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जो किसान सूरजमुखी का उत्पादन करते हैं, उनके लिए कुरुक्षेत्र में तेल का कारखाना स्थापित कराने का प्लान है. जो चार एकड़ जमीन में खुलेगा. उन्होंने बताया कि इस कारखाना की क्षमता 20 हजार मीट्रिक टन की होगी. बता दें कि सूरजमुखी के बीज से तेल और घी बनाया जाता है. वहीं, सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि भावांतर भरपाई योजना के तहत सीएम ने राज्य के सभी सूरजमुखी किसानों को 1000 रुपये प्रति क्विंटल अंतरिम राहत देने का फैसला किया है.
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सरकार ने बाजार में हैफेड को उतारा
सरकार ने अपनी सफाई में यह कहा है कि इस वक्त कुरुक्षेत्र जिले में सबसे ज्यादा सूरजमुखी की पैदावार होती है. जिसकी खरीद का मुख्य केंद्र शाहबाद मंडी है. इसके अलावा, अम्बाला, यमुनानगर, करनाल, पंचकूला जिले की आठ मंडियों में भी इसकी खरीद का केंद्र बनाया गया है. सरकार का कहना है कि सूरजमुखी को खरीदने वाले लोगों की संख्या बाजार में काफी कम है. ऐसे में राज्य सरकार ने हैफेड को इसे खरीदने के लिए बाजार में उतारा है. जिससे किसानों को फसल का सही दाम मिल सकेगा.
बहकावे में न आने की अपील
वहीं, भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने सभी किसानों से सरकार के बहकावे में न आने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि हरियाणा सरकार हर तरह से आंदोलन खराब करने की कोशिश करेगी. बता दें कि किसान भावांतर योजना को लेकर कई दिनों से किसान सरकार के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि सूरजमुखी को राज्य सरकार केवल एमएसपी पर ही खरीदे. जो 6400 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई थी. इस मामले को लेकर किसानों ने कुरुक्षेत्र में सड़क जाम कर दिया था. भारी हंगामे के बाद पुलिस ने गुरनाम सिंह चढूनी सहित कई किसानों को जेल भेज दिया. अब किसानों को मशहूर पहलवान बजरंग पुनिया का भी साथ मिल गया है.